शहर में फर्जी कागजों पर बिक रहे है सिमकार्ड

शिवपुरी। जिले में फर्जी दस्तावेज लगाकर सिम कार्डों का विक्रय बढ़ता चला जा रहा है। ऐसी ही एक सूचना विगत दिवस पुलिस को मिली जिस पर पुलिस ने तुरंत कार्यवाही करते हुए श्रीराम कॉलोनी में स्थित एयरटेल कंपनी के डिस्टीब्यूटर के यहां पर दबिश दी।

वहां के कागजातों की छानबीन की, लेकिन पुलिस डिस्टीब्यूटर द्वारा दिखाये गये कागजातों से संतुष्ट होकर वापस लौट आई जबकि वहां रखी अधिकतर दस्तावेज फर्जी थे जिन्हें डिस्टीब्यूटर इस्तेमाल कर अधिक कीमत पर सिमकार्ड मार्केट में खपाता है। पूर्व में फर्जी कागजातों के आधार पर जारी किये गये सिमकार्डों से कई वारदातें घटित हुई हैं जिनका पुलिस आज तक सुराग नहीं लगा सकी है।

ऐसी स्थिति में मोबाइल कंपनी के कर्ताधर्ता जिले की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं। अगर पुलिस इन लोगों पर स ती से कार्यवाही करे तो कई वारदातों पर अंकुश लगाया जा सकता है।

विदित हो कि शहर में ऐसी कई लूट और हत्या और अपहरण की वारदातें घटित हो चुकी हैं जिनका पुलिस आज तक सुराग लगाने में असफल रही है। इसका मु य कारण मोबाइल कंपनियों के कर्ताधर्ताओं द्वारा चंद रुपयों के मुनाफे के चलते फर्जी व मनगडं़त  दस्तावेजों एवं छद्म नामों से सिमकार्डों को बेचने का गोरखधंधा कर रहे हैं।

कई वारदातों में तो पुलिस सिमधारी बदमाशों के पास तक नहीं पहुंच सकी है, लेकिन दस्तावेजों के आधार पर निर्दोष लोगों को पुलिस ने पकड़ा भी है, लेकिन उन लोगों को वारदात में कोई हाथ न होने के बाद पुलिस को असफलता ही हाथ लगती है।

विगत दिवस कोतवाली पुलिस को श्रीराम कॉलोनी में स्थित एयरटेल डिस्टीब्यूटर के यहां फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लगभग दो सिमें जारी करने की सूचना प्राप्त हुई जिस पर पुलिस ने त्वरित कार्यवाही तो कि, लेकिन पुलिस कंपनियों के कर्ताधर्ताओं की कारगुजारियों को ठीक तरह से समझ नहीं सकी और डिस्टीब्यूटर द्वारा पुलिस को संतुष्ट कर दिया गया। अधिक जानकारी न होने पर पुलिस भी कोई कार्यवाही नहीं कर सकी,

फर्जी सिमों से पुलिस को भी करते हैं अपराधी परेशान
शहर में कई वारदातें फर्जी सिमों के आधार पर की गई हैं जिनका पुलिस आज तक खुलासा नहीं कर सकी है। यह बात तो शहरवासियों के लिए, लेकिन जब शहर की सुरक्षा की जि मेदार पुलिस भी इन अपराधियों से नहीं बच सकी है।

हाल ही में पुलिस कंट्रोल पर अज्ञात लोगों द्वारा फोन लगाकर वहां पदस्थ महिला पुलिसकर्मियों से अश£ील वार्तालाप करने का प्रकरण भी सामने आ चुका है, लेकिन पुलिस दस्तावेज सही न होने के कारण उन अपराधियों तक नहीं पहुंच पा रही है जिस कारण जनता के साथ-साथ पुलिस भी इन अपराधियों से परेशान है।

फोटो किसी का नाम किसी का और कंपनी ने जारी कर दी सिम
फर्जी दस्तावेज लगाकर चंद रुपयों की खातिर सिमकार्डों का गोरखधंधा बड़े जोरों से चल रहा है। ऐसा ही एक दस्तावेज सामने आया है जहां एयरेटल कंपनी के फार्म पर अवंतिक नामक युवक निवासी वार्ड क्र. 2 गांधी कॉलोनी के नाम पर सिमकार्ड जारी किया है जबकि अगर उक्त दस्तावेज की सही जांच की जाये तो राशनकार्ड पर जो फोटो लगाया गया है वह  अन्य किसी युवक का है।

जबकि राशनकार्ड पर जो खाता क्रमांक  1025 लिखा हुआ है वह किसी दूसरे के नाम पर जारी है। खासबात यह है कि जिस रिटेलर द्वारा उक्त दस्तावेजों का प्रमाणित किया गया है उस रिटेलर की दुकान भी शहर में मौजूद नहीं है।

स्थानीय स्तर पर तैयार हो रहे हैं कागजात
मोबाइल सिम खरीदने मेें लगने वाले कागजातों को बनाने का कार्य स्थानीय स्तर पर  किया जा रहा है जिसमें शहर के ही कुछ चालबाज किस्म के लोग कागजातों के सेट तैयार कर मात्र दस रूपए से पन्द्रह रूपए में स्थानीय सिम कार्ड विक्रेताओं को उपलब्ध करा देते हैं और दुकानदार भी बिक्री के हिसाब से दस्ताबेज लेकर रख लेते हैं और मौका पडऩे पर कंपनी की खानापूर्ति के लिए इन्हीं फर्जी कागजातों (दस्ताबेजो)का उपयोग किया जाता है।