अब NH में लटक गई शहर की सीवर लाइन

शिवपुरी। शिवपुरी के नपा प्रशासन को यदि अंतिम संस्कार का काम सौंप दिया जाए तो मुर्दा भी घबराकर दोबारा मर जाए। अर्थी सजाने के लिए बांस लाने के बाद कफन खरीदने जाएंगे। सरकारी दुकान बंद मिली तो अर्थी इंतजार करेगी। कुछ ऐसा ही हो रहा है जलावर्धन और सीवर प्रोजेक्ट में।

जलावधर्न फारेस्ट डिपार्टमेंट में अटकी है, सीवर प्रोजेक्ट एनएच में लटक गया। कहने को तो दूसरे विभागों में लटकी है फाइल, लेकिन थोड़ी समझबूझ की बात करें तो ध्यान में आएगा कि संबंधित विभागों से एनओसी प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने से पहले क्यों नहीं ले ली गईं थीं। प्रोजेक्ट फाइल का अर्थ ही यह होता कि सभी जरूरी और कानूनी दस्तावेज उसमें मौजूद हैं, बस जमीनी स्तर पर काम शेष है, फिर नगरपालिका के प्रशासनिक अधिकारी चौराहे के बेलदारों की तरह काम क्यों कर रहे हैं ?

शहर का सरदर्द बन चुका सीवर प्रोजेक्ट को झटका लग गया है, बताया गया है शहर से गुजर रही एबी रोड पर खुदाई नही हो सकती है, और इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए इस सडक को साढे छह मीटर तक चोडा खोदा जाना आवशयक है परन्तु एनएचएआई ने इसकी परमिशन नही दी है।

सीवर प्रोजेक्ट में आई इस रुकावट को दूर करवाने के लिए जब पीएचई के अधिकारी दिल्ली एनएचएआई के हेड ऑफिस गए तो वहां से जवाब मिला कि जब फोरलेन बन जाएगी तो हम यह सडक छोड देंगे, तब इसकी खुदाई कर लेना।

इन हालात में शहर से जाने वाली सीवर प्रोजेक्ट की मेन ट्रंक लाइन ही नहीं डाली जा सकेगी तो फि र इस योजना का उद्देश्य कैसे पूरा होगा। क्योंकि फोरलेन सडक बनने में ही एक साल का समय लगेगा।

नेशनल हाईवे क्रमांक.3 अब एनएचएआई के अंडर में है। सीवर प्रोजेक्ट की मेन ट्रंक लाइन के लिए हाईवे को खोदने की परमिशन एवं होने वाले नुकसान की भरपाई के एवज में पीएचई ने एनएचएआई शिवपुरी के ऑफि स में पत्र एवं 16:20 लाख रुपए का चेक दिया।

एनएचएआई ने हाईवे की सडक को खोदने की परमिशन देने से साफ  इनकार करते हुए चेक वापस कर दिया। साथ ही यह रास्ता भी बताया कि यदि इतना ही जरूरी है तो सडक को बीच से खोदते हुए साइड से 2 मीटर की चौडाई में खुदाई कर सकते हो। जबकि मशीन से साढे छह मीटर चौडाई में खुदाई की जाना है। इसलिए हाईवे की खुदाई का मामला लटक गया। और पूरी सडके खोदने के लिए आपको इंतजार करना पडेगा जब तक फोरलेन नही बन जाता है फोरलेन बनते ही यह रोड नपा में मर्ज हो जाऐगी। फिर ही शायद इस प्रोजेक्ट का काम पूरा हो सकता है।