शिवपुरी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजुली पालो ने गुरुवार को दहेज प्रताडऩा से तंग आकर आत्महत्या करने वाली एक नवविवाहिता के मामले में फैसला सुनाते हुए मृतका के पति सहित सास-ससुर को तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया है।
तीनों आरोपियों को दहेज हत्या के मामले में साक्ष्यों के अभाव में रिहा कर दिया गया अभियोजन की ओर से पैरवी लोक अभियोजक मदन बिहारी श्रीवास्तव ने की।
अभियोजन के अनुसार आरोपी कैलाश पुत्र रामदयाल जाटव उम्र 25 वर्ष का विवाह 25 फ रवरी 2011 को मृतका विनिता से हुआ था शादी के दौरान विनिता के पिता ने सामथ्र्य के अनुसार दहेज देकर बेटी को विदा कियाए इसके बाबजूद भी विनिता का पति कैलाश, ससुर रामदयाल पुत्र खेमा जाटव उम्र 50 वर्ष, रबूदी पत्नी रामदयाल जाटव उम्र 46 वर्ष उसे दहेज में दो लाख रुपए लाने के लिए प्रताडि़त करते रहे।
लगातार दी जाने वाली प्रताडऩाओं से तंग आकर उसने 17 सितंबर 2013 को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली पुलिस ने मृतका के परिजनों की शिकायत पर कैलाश जाटवए रामदयाल जाटव, रबूदी जाटव के खिलाफ धारा 498ए, 304बीए 34 आईपीसी के तहत प्रकरण कायम कर विवेचना उपरांत सुनवाई के लिए मामला न्यायालय में पेश किया।
न्यायालय में मामले की सुनवाई के दौरान प्रकरण मे आए समस्त तथ्यों एवं साक्ष्यों पर विचारण उपरांत न्यायाधीश ने तीनों आरोपियों को धारा 498 ए के तहत तीन तीन साल के सश्रम कारावास एवं पांच पांच हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है अर्थदंड ने देने पर छह छह माह का सश्रम कारावास भुगतना होगा।