भिखारी से भी शिक्षा ग्रहण करे : देवी कृष्णाकिशोरी

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शिवपुरी-शहर का गांधी पार्क मैदान में अब मैदान नहीं बल्कि धराधाम हो गया है यहंा भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराम ने जन्म लिया है और इस भावसागर में जहां हम है वहां भगवान जन्म लेें तो समझा वह धरा भी धरती नहीं बल्कि धराधाम हो जाती है। इस संसार में जब-जब धर्म की हानि हुई तब-तब भगवान ने जन्म लिया, द्वापर युग, त्रेता युग के बाद अब कलियुग की बारी है।

 इसलिए इस धरा पर रहने वाले हरेक इंसान को दान-धर्म करना चाहिए क्योंकि कलयुग में दान करना ही श्रेष्ठकर माना गया है। यह सीख व आर्शीवचन दिए प्रसिद्ध श्रीमद् भागवत कथा मर्मज्ञ देवी कृष्णाकिशोरी ने जो गांधी पार्क मैदान में श्रीमद् भागवत कथा के माध्यम से गोवर्धन पूजा व रूकमणी विवाह के बाद धर्मप्रेमीजनों को कथा के आगे का प्रसंग श्रवण करा रही थी। 

 कथा प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए देवी कृष्णाकिशोरी ने कहा कि दान की महिमा अपार है आज भिखारी भी भीख मांगता है तो वह अन्य लोगों को शिक्षा देता है कि आप के पास जो भी दान हो वह उसे दें, अन्यथा अगले जन्म में आप स्वयं भिखारी ना बन जाए क्योंकि दान करने से पुण्य लाभ मिलता है और पाप मिटते है। 

इसके साथ ही स्त्री की व्या या करते देवीजी ने कहा कि स्त्री का श्रृंगार उसका सुन्दरपन उसकी लज्जा होती है शास्त्रों में बताया गया है कि शील,संकोच, संयमित, मर्यादा निर्वाह, मर्यादित और शांत स्त्री ही स मान के पात्र होती है। भगवान की विभिन्न लीलाओं के साथ कथा के अंतिम दिन सुदामा चरित प्रसंग श्रवण कराया जाएगा तत्पश्चात कथा का समापन होगा। 
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