रामसिंह ने वीरेन्द्र खटीक को बैठक से बाहर भगाया

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शिवपुरी। कल कांग्रेस की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष रामसिंह यादव ने सदस्यता अभियान के कट्टै उन्है ना देते हुए सिंधिया को दिल्ली देने पर रामसिंह यादव ने वीरेन्द्र को बैठक से बाहर निकाल दिया। वीरेन्द्र ने रामसिंह द्वारा सिंधिया का अपमान का आरोप लगाया था।

बताया जा रहा है कि वीरेन्द्र खटीक ने कट्टे जिला कांग्रेस या शहर कांग्रेस में जमा न करते हुए सीधे श्री सिंधिया को दिल्ली जाकर दे दिये थे। विवाद इतना बढ़ा कि वीरेन्द्र खटीक के अनुसार उन्हें बैठक से बाहर निकाल दिया गया।

इसके बाद श्री खटीक आज दिल्ली जा पहुंचे और उन्होंने बताया कि कट्टे उनके पास आ गये हैं तथा वह इन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव को सौंपेंगे।

कल कांग्रेस सदस्यता अभियान की बैठक जिला कांग्रेस कार्यालय में आयोजित की गई। इस बैठक में सदस्यता अभियान को गति देने के कारण वीरेन्द्र खटीक को भी बुलाया गया। रामसिंह यादव के अनुसार उन्होंने सदस्य बनाने के लिए वीरेन्द्र को धन्यवाद दिया और उनसे जब कट्टों की मांग की तो उनका जबाव था कि वह कट्टे दिल्ली जाकर श्री सिंधिया को दे आये।

इस पर श्री यादव ने बताया कि उन्होंने वीरेन्द्र से सदस्यता की सूची और राशि की मांग की तो वीरेन्द्र ने इनकार कर दिया। यह सुनकर रामसिंह यादव के तेवर चढ़ गये और फिर उनका वीरेन्द्र खटीक से जमकर विवाद हुआ।

वीरेन्द्र ने आरोप लगाया कि श्री यादव ने सिंधिया का अपमान किया है जबकि रामसिंह यादव का तर्क है कि इसमें सिंधिया का अपमान कैसे। उन्होंने सिर्फ कायदे की बात की थी। इसके बाद बताया जाता है कि वीरेन्द्र खटीक ने दिल्ली रवानगी डाल दी।

श्री सिंधिया से तो उनकी मुलाकात नहीं हुई, लेकिन उन्होंने वहां से सदस्यता के कट्टे हासिल कर लिये हैं और कट्टों को लेकर वह भोपाल जाएंगे।

जब तक रामसिंह रहेंगे पद नहीं लूंगा
वीरेन्द्र खटीक ने बताया कि वह प्रदेशाध्यक्ष को कट्टों के साथ-साथ अपना इस्तीफा भी शहर कांग्रेस महामंत्री पद से सौंपेंगे और उनसे कहेंगे कि जब तक रामसिंह यादव जिलाध्यक्ष रहेंगे वे पद ग्रहण नहीं करेंगे।

मेरी बात गलत कहां है: श्री यादव
जिला कांग्रेस अध्यक्ष रामसिंह यादव ने कहा कि मैंने फोनकर वीरेन्द्र को बैठक में बुलाया था। वीरेन्द्र ने स्टाल लगाकर कांग्रेस की सदस्यता कराई थी। इसी कारण हमें उन्हें धन्यवाद देना था।



लेकिन बैठक में जब उनसे सदस्यों की सूची, कट्टे तथा राशि की मांग की गई तो उन्होंने देने से इनकार किया और कहा कि वह कट्टे श्री सिंधिया को दे आये। जबकि प्रत्येक काम चैनल से होना चाहिए। यह कहना कि मैंने श्री सिंधिया का अपमान किया है सरासर गलत है।
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