ओलों की मार के बाद बयानों की बारिश, राहत राशि गुमशुदा

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शिवपुरी। जिले के 103 गांवो के किसानो के सपना को ओलावृष्टि ने ताबह कर दिया है। किसानो ने ये सपना नीद में नही खुली आंखो से देखा है। जिले में सबसे ज्यादा नुकसान पोहरी विधानसभा क्षेत्र में हुआ है। अभी राहत राशि तो नही राहत भरे बयान तो मार्केट में आ गए है।

नुकसान 23 करोड का, सहायता मांगी है 4 करोड की
प्राकृतिक आपदा से बर्बाद हुए किसान को प्रशासन से उम्मीद थी कि मिलने वाली राहत राशि उसके दुख को कम कर देगी, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा। क्योंकि प्रशासन ने प्रारंभिक सर्वे के बाद जो सहायता राशि मांगी है, वो महज 4 करोड़ रुपए ही है। जबकि जिले में लगभग 23 करोड़ रुपए का नुकसान किसानों को झेलना पड़ा है। ऐसे में अधिकारी यह कहकर बचने का प्रयास कर रहे हैं कि यह प्रारंभिक प्रस्ताव तो सीएम के आने की वजह से बनाया है, जबकि अभी संपूर्ण सर्वे का काम जारी है।

सर्वे शुरू परन्तु घर से ही
ज्ञात रहे कि जिले के लगभग एक सैकड़ा से अधिक गांव में ओलों ने गेहूं, चना व सरसों सहित अन्य फसलों को तहस-नहस कर दिया। कर्ज से दबे किसानों को प्रशासन से उ मीद थी कि उनकी बर्बादी के ज मों पर मुआवजे का मरहम कुछ तो राहत देगा। और उनका नुकसान का सर्वे पटवारी खेतो पर ही जाकर करेंगें परन्तु जिले के पटवारियों ने सर्वे शुरू तो कर दिया है परन्तु घर बैठकर ही पटवारी सर्वे कर रहे है।

ओलो की बरसात के बाद बयानो की बारिश
किसानो की फसलो पर ओलो ने कहर बरसाया और उनके सपनो को तोड दिया किसान इस समय अपने भविष्य को लेकर चिंता में है और जिले के कई नेताओ ने इस आपदा पर भविष्य बनाना शुरू कर दिया है। रोज नेताओ के किसानो के हित में पुराने वादो को की नई पैंकिग में प्रेसनोट आ रहे है। नेताओ और संगठनो का मार्च केवल कलेक्ट्रेक्ट पर ज्ञापन देना और फोटो शूट करवाकर खबरियों के ऑफिस तक है।

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