शिवपुरी- प्राकृतिक आपदा के रूप में आई अचानक बारिश ने किसानों के चेहरों पर मायूसी बिखेर दी। बीती रात ओर आज दिन भर हुई बारिश से जहां ओलों की बरसात ने किसानों में हा-हाकार के हालात निर्मित कर दिए है तो वहीं किसानों की तो पूरी तरह से फसल ही चौपट हो गई।
ओलों को हाथों में लेकर किसान प्रशासन से आर्थिक सहयोग की मांग कर रहे है। इस दोरान शिवपुरी, पिछोर, कोलारस, खनियाधाना, बदरवास, नरवर, पोहरी व करैरा में किसानों को सर्वाधिक रूप से ओलों की बारिश से नुकसान हुआ है जहां कई जगह फसल पूरी तरह से खेतो में बिछ गई तो कई जगह फसलों पर ही ओले गिरे जिससे वह पूरी तरह से दब गई। इस तरह संपूर्ण जिले भर में गेहूं और चना की फसल प्राकृतिक आपदा से विनिष्टी की कगार पर आ खड़ी है।
बताना होगा कि जिले के बैराढ़ तहसीलर्तगत आने वाले क्षेत्र मे किसानो की जो दुर्दशा पिछले दो तीन वर्ष से हो रही है वह विचारणीय है यहां किसान पिछले साल हुई ओला वृष्टि से निपट नहीं सके तब तक एक और आपदा आ खड़ी है पिछली वर्ष गेंहूॅ एवं चना की खड़ी फसल पर ओलो की मार पडी थी उसमे मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राहत राशि दी गयी थी उसमे कुछ गावो को सर्वेक्षण टीम द्वारा सर्वे मे छोड़ दिया गया। तब किसानो ने तहसीलदार से लेकर कलेक्टर महोदय तक गुहार लगाई लेकिन हासिल कुछ नही हुआ फिर बेबस किसानो ने घर बैठने मे ही भलाई समझी,इसके बाद माह जून जुलाई में किसानो ने सोयाबीन मूूॅंगफली एवं वर्षात की खेती की, वो भी कम बारिश होने के कारण लगभग नष्ट हो गयी।
जिससे किसान कर्जदार हो गया अब बारी आई इस फसल की तो किसानो ने पहले फसल मे पानी देने के लिये बोर लगवाये, लाईट के लिए निजी डी पी रखवाई, उसका भी कर्ज बड़ा और इस फसल पर किसानो की पूरी आस लगी थी। इस आस पर 24 घंटे हुई ओले औेर बारिश ने उस आशा को निराशा मे बदल दिया आगे मौसम विभाग से भारी बारिश की आ रही जानकारी से किसान पूरी तरह टूट चुका है और सोच में है कि आगे खड़े साहूकारो से कैसे निपटा जायेगा और भी कई प्रकार की जि मेदारियां है जिसमे बच्चों व परिवार का भरण पोषण करना मुश्किल की बात है।
बैराड के इन गॉवो मे पडे आले व भारी बारिश
पिपलौदा तीर्थ ककरुआ वूढडा सेमरखेडी गुरीच्छा देवपुर गोवर्धन वनवारी पुरा गिरवानी उची खरई कुपरैडा आकुर्सी रामपुरा भौराना पिपरौदा कटारा ऐचवाडा वहरगवां धतूरा अमरपुर टोडा गोदोलीपुरा बैराड रैयन नारायण पुरा वैवलपुर देवपुरा गौदरी कैमई सतनवाडा सुमेड जरिया जौराई धौरिया गाजीगड ठेवला केमरारा
इनका कहना है
मेरे पास 2 वीघा जमीन है जिसमे मेने एक वीघा मे गेहूॅ एक मे प्याज की खेती की थी जिसको रात से सुरु हुई ओले और तेज वारिश ने पुर्णतह फसल को नष्ट कर दिया है 20 अप्रेल को मेरी बच्ची की सादी होनी है मेरे गावं के सभी किसानो की फसल तवाह हो चुकी है इससे मे गावं मे भी किसी से कर्ज नही ले सकता।
रामचरण कुशवाह
कृषक, ग्राम पिपलौदा तीर्थ
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