शिवपुरी। शिवपुरी में यशोधरा राजे सिंधिया का एक प्रकार से बहिष्कार का दौर चल रहा है। नगर पालिका के चुनावों से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी तक यशोधरा राजे सिंधिया के समर्थकों को लगातार धूल चाटनी पड़ रही है। नगर पंचायत और जनपद पंचायत के बाद अब जिला पंचायत पर भी कांग्रेस का कब्जा हो गया है। कांग्रेस को 16 मत मिले, और मंत्री महोदया के प्रत्याशी केवल 7 वोटों पर ही सिमट गए।
सिंधिया समर्थक प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री बैजनाथ यादव की धर्मपत्नि श्रीमति कमला यादव को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया वही यशोधरा समर्थक रामस्वरूप रिझारी की पत्नि कूष्णा रावत को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया था।
यह तो पूर्व विदित ही था कि जिपं अध्यक्ष और उपाध्यक्ष कांग्रेस का ही बनेगा क्यो कि सिंधिया और दिग्गी गुट एक हो गए थे,परन्तु भाजपा में टांग खिचाई को दौर चालू था।
यहां विजयी प्रत्याशी कमला यादव को जहां 16 मत मिले, वहीं कृष्णा रावत को महज 7 मतों से संतोष करना पड़ा। यहीं नहीं कृष्णा रावत खेमे से एक वोट खिसककर कमला यादव को मिला। इस चुनाव की खासबात यह रही कि कांग्रेस के विभिन्न खेमों में एकजुटता रही और पिछोर विधायक केपी सिंह किंग मेकर के रूप में उभरकर सामने आये।
उनके समर्थक जिला पंचायत सदस्यों की सं या 6 थी। जिनके कमला यादव के पक्ष में जाने से भाजपा के मंसूबे ध्वस्त हो गये। विजयी प्रत्याशी कमला यादव वरिष्ठ कांग्रेस नेता और प्रदेश कांग्रेस महामंत्री बैजनाथ सिंह यादव की धर्मपत्नी हैं। विजयी प्रत्याशी कमला यादव कांग्रेस में सिंधिया खेमे की मानी जाती हैं जबकि कृष्णा रावत यशोधरा राजे समर्थक हैं।
आज सुबह से ही फिजीकल क्षेत्र स्थित विधायक केपी सिंह और झांसी रोड पर बैजनाथ सिंह यादव के निवास स्थान पर भारी मजमा लगा हुआ था। कमला यादव के समर्थक जिला पंचायत सदस्यों ने विधायक केपी सिंह के निवास स्थान पर नाश्ता किया और इसके पश्चात सभी सदस्यों को सुबह 10 बजकर 50 मिनट पर बैजनाथ सिंह यादव के निवास स्थान पर लाया गया।
सुबह 11 बजे कमला यादव और उनके समर्थक और प्रस्तावक जिला पंचायत सदस्य डॉ. कालूराम कुशवाह, दिनेश परिहार, श्रद्धा सतीश फौजी और रामसिंह यादव सहित पांच सदस्य नामांकन फार्म भरने के लिए कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे जहां कमला यादव के पक्ष में दो नामांकन फार्म भरे गये। 11 बजकर 50 मिनट पर भाजपा प्रत्याशी कृष्णा रावत अपने समर्थक सभी सात सदस्यों को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंची जिनके नाम हैं रामकली चौधरी, अभिलाषा लोधी, चंद्रेश लोधी, संतो रावत, शशिवाला परिहार, बृजमोहन लोधी और इंद्रसिंह मोगिया।
कमला यादव के समर्थक और प्रस्तावक बृजमोहन लोधी, रामकली चौधरी, शशिवाला परिहार और चंद्रेश लोधी बनीं। इस तरह से कृष्णा रावत के पक्ष में भी दो नामांकन फार्म भरे गये। 12 बजकर 40 मिनट पर कमला देवी यादव के समर्थक योगेन्द्र रघुवंशी, भारती लोधी और खेमराज आदिवासी जिला पंचायत सदस्य कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां योगेन्द्र रघुवंशी ने खुलासा किया कि उनकी ओर से ोमराज आदिवासी उपाध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे।
12 बजकर 50 मिनट पर कमला यादव के समर्थक सदस्य विमला धाकड़, भगवती रावत, कैलाशी आदिवासी, कोसा बाई आदिवासी, ललिता जाटव, पूनम कुशवाह और मिथलेश बघेल सहित सात जिला पंचायत सदस्य मतदान करने के लिए पहुंचे। ठीक 1 बजे मतदान प्रारंभ हो गया। मुश्किल से 20 से 25 मिनट में सभी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया और निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर राजीव दुबे ने इसके पश्चात डाले गये मतों की गणना कर कमला यादव के जीतने की घोषणा की।
एक सदस्य खिसकने के बाद कृष्णा रावत ने किया हंगामा
जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में कृष्णा रावत के साथ आठ सदस्य प्रथम स मेलन में भाग लेने के लिये कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। उन्हें आशा थी कि इन आठ सदस्यों के अलावा चार अन्य सदस्यों का गुप्त समर्थन भी उन्हें मिलेगा और वह विजयश्री हासिल करेंगी। उन्हें केपी सिंह खेमे के चार सदस्यों के टूटकर आने की आशा थी, लेकिन ऐसा तो हुआ नहीं, बल्कि उनके समर्थक आठ सदस्यों में से एक सदस्य खिसकर कमला यादव के पक्ष में चला गया।
मतगणना के पश्चात जब कृष्णा रावत को सात मत मिलने की घोषणा हुई तो कृष्णा रावत आक्रोशित हो उठीं और वह कलेक्ट्रेट से उठकर बाहर चलीं आईं। उनके साथ-साथ उनके समर्थक सदस्य भी बाहर आ गए। कलेक्ट्रेट के बाहर कृष्णा रावत ने हंगामा करते हुए पुनर्मतदान की मांग की और सवाल किया कि उनके आठ सदस्यों में से सात कैसे रह गये। बाद में बड़ी मुश्किल से उनके समर्थक उन्हें मनाकर बाहर ले गये।
भाजपा ने फैका था रात में केपी पर पांसा
भाजपा को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में सिर्फ यही आशा थी कि केपी सिंह का उनके पक्ष में झुकाव हो जायेगा। केपी सिंह के साथ खुले रूप में जिला पंचायत सदस्य योगेन्द्र रघुवंशी बंटी, भारती लोधी, मिथलेश बघेल, ललिता जाटव, खेमराज आदिवासी, दिनेश परिहार साथ थे। इन 6 सदस्यों के झुकाव पर ही भाजपा केन्द्रित थी।
भाजपा की संभावना जब बलवती नहीं हुई तो सूत्र बताते हैं कि कल रात केपी सिंह को यह ऑफर भी दिया गया कि वह चाहें तो अपने समर्थक सदस्यों में से किसी को भी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनवा दें और भाजपा के जिला पंचायत सदस्य उनके साथ रहेंगे, लेकिन बताया जाता है कि केपी सिंह ने इस प्रस्ताव से इनकार कर दिया जिससे भाजपा की संभावनाएं धूमिल हो गईं।
एक ही विकासखण्ड के होने के कारण बंटी नहीं बन पाये उपाध्यक्ष
कमला यादव बदरवास विकासखण्ड के वार्ड क्र. 20 से जीतीं हैं, वहीं इसी विकासखण्ड के वार्ड क्र. 21 से बंटी रघुवंशी चुनाव जीते हैं। दोनों के बदरवास विकासखण्ड के होने के कारण बंटी रघुवंशी उपाध्यक्ष नहीं बन पाये। उनके स्थान पर खेमराज आदिवासी को उपाध्यक्ष बनाने का फैसला किया गया। खेमराज को उपाध्यक्ष बनवाने में मु य भूमिका विधायक केपी सिंह की रही।