शिवपुरी। पचास साल सी पुरानी शिवपुरी अपने नए अध्यक्ष से बहुत उ मीद थी परन्तु नए अध्यक्ष कछुआ चाल से चल रहे है, और इसी प्रकार गति रही तो शिवपुरी को सौ साल से भी अधिक समय लगेगा अपनी समस्याओ से निबटने के लिए।
अभी तक पीईसी और परिषद की बैठक नही हुई है। इस कारण किसी भी काम की प्लांनिग नही हो पा रही है। पार्षंद जनता से मुहं छिपाते फिर रहे है।
शिवपुरीनगर पालिका परिषद के लिए चुनकर आए नए पार्षदों को निर्वाचित हुए दो महीने से ज्यादा का समय हो गया है लेकिन यह नए पार्षद चुनाव जीतने के बाद अपने-अपने वार्डों में अभी तक कोई भी काम नहीं करा पाए हैं। कारण यह है कि नगर पालिका में नए काम मंजूर नहीं हो रहे हैं।
जीतकर आए पार्षदों पर चुनाव में किए गए वादों के कारण जनता का दबाव है। इस दबाव के बीच पार्षद चिंता में देखे जा रहे हैं। इस समय नगर पालिका में प्लानिंग का अभाव देखा जा रहा है। नए विकास कार्य मंजूर नहीं हो रहे हैं।
पीआईसीऔर साधारण सभा की बैठक लटकी :नगर पालिका अध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह ने अपनी नई पीआईसी बना ली है, लेकिन इसकी बैठक कब होगी इसकी कोई रूपरेखा अभी तक नहीं बन पाई है।
पीआईसी में दस लाख तक के काम मंजूर हो सकते हैं लेकिन बैठक होने से सब प्लानिंग अधर में है। वहीं साधारण सभा की बैठक भी अभी तक नहीं हो पाई है। नए पार्षदों की मांग है कि जल्द से जल्द यह दोनों समितियों की बैठक की जाए जिससे काम को गति मिल सके।
गर्मी से पहले ही कई वार्डों में पेयजल संकट गहरा चुका है, इसको लेकर अभी तक कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। साफ-सफाई, पार्कों के जीर्णोद्धार, नाली निर्माण, स्ट्रीट लाइट का काम लटका है। स्ट्रीट लाइट, ट्यूबवेलों में मोटर वायरिंग के सामान की खरीदी भी लटकी पड़ी है।
नपा एक्ट के अनुसार हर दो महीने में साधारण सभा की बैठक किए जाने का नियम है। नई परिषद ने अपना कार्यभार ग्रहण 6 दिसंबर को किया है इसलिए जल्द से जल्द यह बैठक बुलाने की आवश्यकता है। पीआईसी गठित हो चुकी है इसलिए इसमें भी 10 लाख तक कई प्रस्ताव मंजूर किए जा सकते हैं।
पीआईसी की बैठक कभी भी नपाध्यक्ष को बुलाने का अधिकार है लेकिन यह बैठक अभी तक नहीं बुलाई गई है।