शिवपुरी। अनुविभागीय दण्डाधिकारी डीके जैन ने माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में शहर के जिन 32 विवाह घरों पर शर्तें पूर्ण न करने के कारण तालेबंदी की थी उनमें मध्यदेशीय अग्रवाल धर्मशाला भी थी।
लेकिन प्रशासन ने अब शर्तें आरोपित करते हुए मध्यदेशीय अग्रवाल धर्मशाला के ताले खोल दिये हैं। लेकिन इस धर्मशाला में विवाह, शादी, उठावनी, बर्थडे, भण्डारा, प्रीतिभोज आदि समारोह आयोजित नहीं होंगे।
धर्मशाला सिर्फ यात्रियों के लिये खोली गई है। आदेश में यह भी कहा गया है कि शर्तों का उल्लंघन करने की स्थिति में धर्मशाला के ट्रस्टी जि मेदार होंगे और उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्यदेशीय अग्रवाल धर्मशाला पहले यात्रियों के साथ-साथ समारोहों के आयोजन के लिये भी दी जाती थी, लेकिन धर्मशाला परिसर में पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं थी इस कारण इस धर्मशाला पर भी ताले जड़ दिये गये थे।
इस पर प्रबंधन समिति ने मध्यदेशीय अग्रवाल धर्मशाला ट्रस्ट के ट्रस्टियों की आपातकालीन बैठक बुलाई। इस बैठक में प्रशासन द्वारा की गई कार्यवाही से सबको अवगत कराया गया और बताया गया कि उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में प्रशासन द्वारा कार्यवाही की गई है।
इसके बाद एक स्वर में सभी ट्रस्टियों ने प्रस्ताव पारित किया कि जब तक ताले खोलने हुए शर्तें पूर्ण नहीं हो जाती तब तक धर्मशाला में समारोह के आयोजन बंद रहेंगे तथा यह धर्मशाला सिर्फ यात्रियों के लिये खुली रहेगी।
इसके बाद प्रस्ताव पारित कर प्रबंधन ने शपथ पत्र सहित उसे प्रशासन को सौंप दिया। प्रशासन ने सहानुभूतिपूर्ण ढंग से प्रस्ताव पर विचार करते हुए शर्तें आरोपित कर धर्मशाला खोलने का आदेश दे दिया।