नौकरानी के हत्यारे पुलिस अधिकारी को आजीवन कारावास

शिवपुरी। विशेष न्यायाधीश कमर इकबाल ने एक महिला की हत्या के मामले में पूर्व डीएसपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उल्लेेखनीय तो यह है कि हत्यारे पुलिस अधिकारी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए खुद को इस मामले में फरियादी बना लिया था जबकि एक निर्दोष महिला को आरोपी बनाकर लूट के लिए हत्या का मामला प्रमाणित करते हुए कोर्ट में प्रकरण पेश करवाया था परंतु न्यायालय में चले ट्रायल के दौरान दूध का दूध और पानी का पानी हो गया।

न्यायालय में ट्रायल के दौरान तथ्य सामने आने पर न्यायालय ने ही डीएसपी व एक अन्य युवक को इस प्रकरण में आरोपी बनाया था। आरोपी डीएसपी के मृतक महिला से अवैध संबंध थे और दोनो के बीच कोई विवाद होने के कारण डीएसपी ने महिला की गला दबाकर हत्या कर दी थी।

न्यायाधीश ने पूरे मामले में बिना जांच किए महिला के खिलाफ झूठा प्रकरण दर्ज कर उसे गिरफ्तार व डीएसपी का हत्या के मामले में सहयोग करने वाले तत्कालीन इंदार थाना प्रभारी के खिलाफ भी जांच कर रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष पेश करने के आदेश दिए है।

यह था मामला
अभियोजन के मुताबिक 15 जून 2007  को इंदार थाना क्षेंत्र के ग्राम खतौरा स्थित सुदर्शन कॉन्वेट स्कूल में एक महिला सुधा शर्मा की लाश पड़ी मिली थी। इसके बाद पूर्व डीएसपी दर्शन सिंह(66) पुत्र लाभ सिंह चीमा निवासी खतौरा हाल निवासी हाथीखाना ने इंदार थाना प्रभारी अवनीश शर्मा को एक लिखित आवेदन देकर एक महिला हजरा (48)उर्फ हजमो पुत्री अलफ खान के खिलाफ सुधा की हत्या कर उसकी लूटपाट करने का आरोप लगाया था।

जिस पर से पुलिस ने आरोपी हजरा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। बाद में जब प्रकरण न्यायालय में पहुंचा तो न्यायालय में ट्रायल के दौरान सामने आए तथ्य व घटना के दौरान डीएसपी के मोबाइल कॉल रिकोर्ड के आधार पर डीएसपी चीमा व उसके एक अन्य साथी नरेन्द्र उर्फ बिट्टू पुत्र रामपाल सिंह गुर्जर निवासी ग्राम ढयती सहारनपुन के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने के आदेश दिए।

बाद में सुनवाई के दौरान मिले ठोस साक्ष्य व सबूतो के आधार पर विशेष न्यायाधीश कमर इकबाल ने डीएसपी व नरेन्द्र को महिला की गला दबाकर हत्या करने के मामले में दोषी करार देते हुए जहां पूर्व डीएसपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है जबकि दूसरे आरोपी नरेन्द्र की मौत होने के कारण उसे इस मामले से प्रृथक कर दिया गया है। इसके अलावा न्यायालय ने पूरे प्रकरण में जबरन दोषी बनाई गई महिला हजरा को बाइज्जत बरी किया है।