सरकारी जमीन पर अवैध उत्खनन जारी है, रोज भरे जा रहे दर्जनों ट्रेक्टर मुरम के

शिवपुरी। इसे खनन माफियाओं की खुलकर दबंगाई ही कहेंगें कि वह सरकारी जमीन से मुरम की प्रतिदिन 20 से अधिक ट्रॉलियों का ना केवल दोहन बल्कि परिवहन कर रहे है। इस मामले में जिला प्रशासन का लचर या लाचार रवैया इन्हे शह देता हुआ नजर आ रहा है जिसके कारण इनके हौंसले बुलंद है और यह सरकारी जमीन को खोखली कर अपनी जेबें भरने में लगे हुए है।

इस संबंध में जिला प्रशासन को शीघ्र कड़े कदम उठाने होंगें तब कहीं जाकर इस दोहन और परिवहन पर रोक लग सकेगी फिलवक्त खनन माफियाओं के इस बेफिक्र माहौल से ऐसा प्रतीत हो रहा है यह पूरी तरह से सरकारी जमीन को खोदकर ही अपने मंसूबों को पूरा करेंगें।

जानकारी के अनुसार यहां बता दें कि जिला प्रशासन खनन माफि याओ पर चाहे कितने पहरे लगा ले पर खनन माफि याओ के हौंसले कितने बुलंद है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह बेखौफ होकर सरकारी जमीन पर ही खनन करने में तल्लीन है। यहां बात हो रही है शहर के बीचों बीच स्थित एबी रोड़ के समीप कत्था मिल के पीछे ठकुरपुरा क्षेत्र की जहां सरकारी जमीन से खनन कर कई वर्षो से मुरम का खनन किया जा रहा है और बिना रायल्टी चुकाऐ बाजार में इस मुरम को बेचा जा रहा है।

ऐेसा नहीं है कि प्रशासन को इस खनन की खबर नही हों पर प्रशासन के संज्ञान में होने के बावजूद इस अवैध खनन पर कोई कार्यवाही नही की जा रही है। जिससे खनन माफि या अपने काम को बदस्तूर अंजाम देने मे लगे है । इससे यह सरकारी जमीन पूरी तरह से गढ्ढेनुमा में तब्दील होने जा रही है। बताया जा रहा है कि इस जमीन पर कृषि मंडी का र्निमाण होना है इसीलिए यहां खुदाई का कार्य बदस्तूर जारी है ताकि मण्डी के निर्माण से पूर्व इस मुरम को अन्यत्र जगह ठिकाने लगा दिया जाए। लेकिन आए दिन यहां खनन होने से मिट्टी की उर्वरता व यहां गढ्ढे होने से नागरिको के लिए परेशानी खड़ी होगी।

ऐसे में जिला प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि ऐसे खनन माफिया पुन: इस तरह का कार्य ना कर सके और इनके खिलाफ उचित कार्यवाही हो। अब देखना होगा कि जिला प्रशासन इस जमीन को बचा पाता है या फिर खनन माफियाओं को यूं ही संरक्षण देकर खनन करते रहने दिया जाएगा।