शिवपुरी। नपा की प्रशासनिक मशीनरी रिश्वतखोरी में आकंठ डूब चुकी है और सीएमओ बजाए लगाम लगाने के इस काली कमाई के इस खेल में शामिल प्रतीत हो रहे हैं। हालात यह बन गए हैं कि विकलांगों की पेंशन जैसा काम भी बिना रिश्वत के नहीं किया जा रहा है। बेशर्मी तो देखिए कि मीडिया की जानकारी में आ जाने के बावजूद लिपकीय स्तर के कर्मचारी सफेद झूठ बोलकर मामले को टाल रहे हैं। किसी भी आॅफिस में यह सबकुछ तभी संभव है जब जांच अधिकारी भी घोटालों में शामिल हों।
बात हो रही वर्तमान में प्रदेश सरकार की वृद्धावस्था-विलकलांग पेंशन की जिसमें एक हाथ-पैर से विकलांग फरियादी लगातार कई दिनों से महज 300 रूपये की मासिक पेंशन के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है लेकिन उसकी सुनवाई नगर पालिका में नहीं हो रही।
थक-हारकर जब वह वहां चर्चा कर रहे एक मीडियाकर्मी से पेंशन वाली मैडम के बारे में पूछता है तो उसे राहत तो मिलती है लेकिन जब वह वहां जाने को होता है कि तभी वह गिर जाता है। उसे संभालने के लिए यूं तो मीडियाकर्मी ने अपने साहस का परिचय दिया लेकिन आज भी वह पेंशन के लिए मजबूर है। मीडियाकर्मी ने अपनी मानवीयता का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए विकलांग को उठाया और उसे पेंशन दिलाने का भरसक प्रयास किया।
लेकिन भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी नपा प्रशासन की बेशर्मी देखिए, कि इस बार फिर कागजों में मियां बताकर उसे चलता कर दिया गया। साथ ही इशारा भी किया गया कि जब तक भेंट नहीं चढ़ाई जाएगी, पेंशन नहीं बन पाएगी।
तुलसीनगर में रहने वाले रामदयाल राठौर की जो हाथ पैर से विकलांग है साथ ही आंखो से भी देख नही सकता है और तो और कुदरत ने भी रामदयाल के साथ ऐसा खेल खेला है कि उसके माता-पिता का साया भी उसके सर से उठ चुका है बस एक छोटा भाई है जो मेहनत मजदूरी कर उसकी देखरेख करता है। रामदयाल के छोटे भाई के भी तीन बच्चे है और परिवार का सारा दारोमदार उसी पर है और उससे जो भी बन पड़ता है वह अपने विकलांग भाई के लिए करता है। ऐसे में जब नगर पालिका द्वारा रामदयाल को पेंशन के रूप मे हर माह तीन सौ रूपय मिलते है पर पिछले आठ माह से रामदयाल को एक पैसा नहीं मिला है बस इसी बात से परेशान रामदयाल नगर पालिका के रोज चक्कर लगा रहा है और घर से अकेला पैदल बड़ी मुश्किल से नगर पालिका आ पाता है।
उसे नगर पालिका मे पेंशन न मिलने का कोई संतोषजनक जबाब नहीं दिया जाता है। जब एक अखबार के पत्रकार नगर पालिका में खड़े होकर एक व्यक्ति से बात कर रहे थे तभी रामदयाल ने पूछा पेंशन वाली मैडम कहां बैठती है इतना पूछते ही रामदयाल पीछे हटा और गिर गया जिसे उस पत्रकार ने उठाया और पेंशन वाली मैडम के पास ले गया। यहां पेंशन वाली मैडम ने कहा कि हमने जिला पंचायत के सामाजिक न्याय विभाग को पेंशन भोगीयो की लिस्ट भेज दी है और आप वहां से पता कर लें, इस पर तुरंत पत्रकार ने रामदयाल को अपनी बाईक पर बैठाया और सामाजिक न्याय विभाग ले गया।
जहां बताया गया की नगर पालिका के कर्मचारियों ने लिस्ट नही भेजी है इस कारण पेंशन नहीं मिल पा रही है। ऐसे में बेचारा रामदयाल कभी इधर कभी उधर के चक्कर मे चकरघिन्नी हो गया है पर कोई भी उसकी फरियाद सुनने वाला नही है। ये पीड़ा केवल रामदयाल की ही नहीं है ऐसे ही ना जाने कितने और रामदयाल होंगें जो प्रतिदिन अपनी मासिक पेंशन 300 रूपये लेने के लिए नगर पालिका के चक्कर लगाने पर मजबूर है पर उन्हें कोइ भी अधिकारी संतोष जनक जबाब नहीं देता है अगर इस नगर पालिका का कोई बड़ा जि मेदार अधिकारी अचानक निरिक्षण करे तो कई अधिकारी कर्मचारी इस नगर पालिका से नदारद मिलेंगे।
हां अगर भीड़ मिलेगी तो केवल परेशान लोगो की, कोई राशन के लिए तो कोई समग्र आईडी के लिये परेशान होकर नपा में ही चक्कर लगाते रहते है। वही पेंशन के लिए तो आए दिन लोग दिन भर नगर पालिका में भटकते देखे जा सकते और इसी आस में उनका एक-एक दिन पूरा बीत जाता है।
क्या कहते हैं अधिकारी
हमने रामदयाल की पेंशन किताब की फोटो कापी ले ली है और हम यहां जो भी कमी रही होगी उसे पूरा करेंगे, आप रामदयाल को साथ ले जाओ और नगर पालिका में लिस्ट भेजने को कहो तो हम आगे की कार्यवाही करें।
एच.आर वर्मा
अधिकारी सामाजिक न्याय विभाग शिवपुरी