जाधव सागर खाली करने से मगरमच्छों का झुंड शहर में निकला

शिवपुरी। सीवर प्राजेक्ट के तहत जाधव सागर में खुदाई के लिए जाधव सागर को खाली करना शहर के लिए खतरा बन गया है। जाधव में मौजूद दर्जनों की सं या में मगरमच्छ अब सागर को छोड़कर शहर की ओर रुख कर रहे हैं और खुलेआम शहर में घूमने शुरू हो गये हैं।

जिससे शहर में मगरमच्छों का खतरा बढ़ गया है जिसे देखते हुए नेशनल पार्क के डायरेक्टर शरद गौड़ ने जाधव सागर को खाली करने पर रोक लगा दी, लेकिन रोक के बाद भी प्रोजेक्ट के कर्ताधर्ता तेजी से सागर को खाली करने में जुट गए हैं। जैसे-जैसे जाधव सागर का पानी कम होता है जा रहा है जैसे-जैसे मगर पानी से निकलकर बाहर आते देखे जा रहे हैं।

अभी हाल ही में एक मकान में मगरों का झुण्ड घुस जाने से लोगों की जान पर बन आई थी। इसके बावजूद भी मगरों की समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रशासन ने कोई भी कदम नहीं उठाया है।

विदित हो कि शिवपुरी शहर वर्षों से मगरों के आतंक से जूझ रहा है और कई लोगों को तो मगरों ने अपना शिकार भी बना लिया जिससे वह मौत के आगोश में समा गये, इसके बावजूद भी फोरेस्ट विभाग ने मगरों को शहर में प्रवेश करने से रोकने की कोई भी योजना तैयार नहीें की जिसकी परिणति यह हुई कि बारिश के समय में मगर शहर के बीचों बीच घूमत नजर आये जो जनमानस के लिए घातक सिद्ध हुए।

कई स्थानों पर तो मगरों ने जानवरों का अपना शिकार बनाया, वहीं घरों और कॉलोनियों में घुसकर लोगों को घायल किया, लेकिन अब सीवर प्रोजेक्ट के तहत होने वाली खुदाई के कारण जाधवसागर को खाली कराने की योजना तैयार की और उसके तहत पानी की निकासी प्रारंभ कर दी जिस कारण जाधवसागर में मौजूद दर्जनों मगर दलदल में बैठे नजर आ रहे हैं, वहीं बहुत से मगरों ने शहर की तरफ अपना रुख कर दिया है जिससे अब शहरवासियों को खतरा और बढ़ गया है।

पहले तो एकाद ही मगर शहर में घुस आता था जिसे बिना किसी मशक्कत के पकड़कर सिंध नदी में छोड़ दिया था, लेकिन अब मगरों के झुंड शहर में घूमते नजर आ रहे हैं। जिन्हें पकडऩा बड़ी मुश्किल का काम है। ऐसी स्थिति में शहरवासियों के समक्ष बड़ा खतरा मंडराता दिख रहा है। इसकी शिकायत मिलते ही नेशनल पार्क डायरेक्टर शरद गौड़ ने तालाब का पानी खाली करने पर रोक लगा दी और बागड़ कर मगरों को तालाब में रोकने की योजना बनाई।

लेकिन सीवर प्रोजेक्ट के कर्ताधर्ताओं ने उस आदेश को धता बताते हुए पानी की निकासी पहले की तुलना में तेजी से करनी शुरू कर दी है और तालाब का पानी घटता जा रहा है जिससे मगर तालाब की सतह पर निकल आये हैं और उन्हें रहने के लिए कोई स्थान नजर नहीं आ रहा है जिससे मगर वहां से निकलकर बाजारों में पहुंच रहे हैं।