सरकारी अस्पताल में महिला सहित बच्चे की मौत: डॉक्टर की लापरवाही

शिवपुरी। जिले के सरकारी अस्पताल में मरिजो का इलाज हक नही रहा है बल्कि खैरात में बटा जा रहा है और इसमे इंसानो की जान की कीमत नही है, ऐसा ही मामला सामने आया है जहां डॉक्टरो की लापहरवाही के कारण मां और गर्भ में बच्चे की मौत हो गई है,परिजनो ने भी डॉक्टरो पर गंभीर लापरहवाही का आरोप लगाया है।

दो दिन से जिला अस्पताल में भर्ती गर्भवती महिला संगीता उम्र 22 वर्ष पत्नि विनोद धाकड़ निवासी धौलागढ़, की गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात हालत बिगडऩे पर उसे ग्वालियर रैफर  किया गया, लेकिन वहां अस्पताल पहुंचते ही महिला की मौत हो गई। महिला के साथ ही गर्भ में पल रहे बच्चे ने दम तोड़ दिया। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मर्ग कायम कर महिला का पीएम करवाया, साथ ही नायब तहसीलदार ने मृतका के पति के बयान लिए।

अपने बयानो में महिला के पति ने कहा कि 2 दिसंबर को मैं अपनी पत्नि संगीता को प्रसव के लिए जिला अस्पताल लेकर आया। यहां डॉक्टर उमा जैन ने बताया कि खून की कमी है। मैने दो बोतल खून की व्यवस्था भी कर दी, जिसमें से एक बोतल खून मेरी पत्नि को चढ़ा दिया, जबकि दूसरी बोतल रखी रही।

गुरुवार की रात तक संगीता अच्छी बात कर रही थी, रात में उसे प्रसव के लिए अंदर ले जाया गया और 12 बजे उसकी हालत बिगड़ गई तो डॉक्टर ने उसे ग्वालियर रैफर कर दिया। जब ग्वालियर लेकर पहुंचे तो अस्पताल में डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। वहां से वापस शिवपुरी ले आए। विनोद की तीन साल पहले शादी हुई और उसकी पत्नि का यह पहला प्रसव होने वाला था। लेकिन मां.बच्चे दोनों की मौत हो गई।

डॉ. उमा जैन ने कहा कि वो केस मैं नहीं देख रही थी, उसे डॉ.नीरजा शर्मा ने देखा और रैफर किया। डॉ, नीरजा का कहना है कि महिला को खून की कमी थी और दो दिन पहले ही ग्वालियर ले जाने की सलाह परिजनों को दी थी लेकिन परिजन यहीं प्रसव कराना चाहते थे। रात में जब लेबर रूम में ले गए तो वहां अचानक उसकी हालत तेजी से बिगड़ गई तो ग्वालियर रैफर कर दिया। पति ने पहले ही लिखकर दिया है कि मैं अपनी मर्जी से अपनी पत्नि का शिवपुरी में प्रसव कराना चाहता हूं।