निर्दोष पति की पुलिस प्रताडऩा को लेकर महिला ने लगाए आरोप

शिवपुरी। शहर की शिव कॉलोनी निवासी राधे रावत अपना स्वयं रेडीमेड कपड़ों का व्यापार करते है लेकिन बीत 5-6 माह पूर्व उन्हें पुलिस ने सट्टे के अपराध में पकड़ लिया था। इसके बाद सब कुछ सामान्य था लेकिन बीती 20 नव बर 2014 को कोतवाली पुलिस थाने से सुनील पाराशर और संतोष शर्मा उसके घर आए और उसे पकड़कर थाने ले गए। इसके बाद उसके साथ पुलिस थाने में मारपीट की गई और जब पीडि़त थाने पहुंची तो उसकी सुनवाई नहीं हुई।

इस मामले में पीडि़त राधे की पत्नि ने कोतवाली पुलिस के दोनों पुलिसकर्मियों पर राजनीमे के लिए अवैध संबंध बनाने व 50 हजार रूपये की मांग का आरोप लगाया है। इस मामले की शिकायत पीडि़ता ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मु यमंत्री, गृहमंत्री, कलेक्टर व एसपी को की है ओर पुलिस की इस कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हे कि उसका निर्दोष पति जो केवल रेडीमेड कपड़ों का व्यवसाय कर अपना घर-परिवार पालता है और ऐसे में किसी पुराने केस में छ: माह बाद उसे पकड़ा जाता है जहां उस पर 25,27 की कार्यवाही भी की जाती है इसके बाद भी पुलिसकर्मियों का पीडि़ता से अवैध संबंध बनाना व 50 हजार रूपयों की मांग करना पुलिस की कार्यप्रणाली को कठघरे में खड़ा करता है। इस संबंध में अब पीडि़ता को न्याय के लिए दर-दर की ठोंकरे खाना पड़ रही है और इसके लिए उसने पत्र लिखकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की है।

अपने लिखित शिकायती आवेदन में मीना पत्नि राधे रावत निवासी न्यू शिव कॉलोनी ने बताया कि उसके पति राधे रावत रेडीमेड कपड़ों का व्यापार कर अपने परिवार का भरण -पोषण करते है। बीते लगभग 5-6 माह पूर्व मीना के पति राधे को पुलिस ने सट्टे के अपराध में पकड़ लिया था इसके बाद सब सामान्य था। मीना ने आरोप लगाया कि इसके बाद 6 महीने बाद अब 20 नव बर 2014 को उसके पति राधे को पुलिस कोतवाली सुनील पाराशर व संतोष शर्मा पकड़ ले गए और उस पर धारा 25,27 के तहत मामला भी कायम कर दिया। जब पीडि़ता ने अपने पति को छड़़ाने की गुहार पुलिसकर्मी सुनील व संतोष से की तो इन्होंने महिला से 50 हजार रूपये व अवैध संबंध की बात कही।

जिस पर महिला ने इंकार कर लिया और न्याय की गुहार लेकर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को लिखित शिकायत की। पीडि़त महिला ने आरोप लगाया कि 20 नव बर को दोप.3 बजे जिस वक्त यह घटना हुई उस समय सुनील पाराशर व संतोष शर्मा के साथ कोतवाली के ही गंभीर कुशवाह, अरूण दीवान व अन्य पुलिसकर्मी भी मौजूद थे। जबकि गवाह के रूप में दीपक पुत्र दर्शन लाल भोला, मनोज पुत्र हरिओम रावत, रामसेवक पुत्र कमर लाल रावत, महेश पुत्र हरिओम रावत भी मौजूद थे जिन्होंने पूरा प्रकरण स्वयं देखा। महिला ने बताया उसका पति निर्दोष है किसी भी पुलिस थाने में उसका कोई रिकॉर्ड दर्ज नहीं है बाबजूद इसके यदि पूछताछ भी करनी हो तो आसपउ़ौस में रहकर उसके पति के चरित्र के बारे में जानकारी ली जा सकती है लेकिन यह सब पुलिस ने नहीं दिखा और निर्दोष पति को धारा 25,27 का आरोपी बना दिया।

ऐसे में अन्य निर्दोष व्यक्ति इस तरह की घटनाओं का शिकार ना हो इसके लिए पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मु यमंत्री, गृहमंत्री, आई.जी., कमिश्रर, कलेक्टर, एसपी को गत 3 दिस बर 2014 को भारतीय डाक द्वारा इंडिया पोस्ट के माध्यम से पत्र भेजा है और न्याय की गुहार व दोषी पुलिसकर्मियों के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की है। महिला मीना बाई ने यह भी कहा कि यदि उसके पति भी दोषी है तो उन्हें भी कानून के नियमानुसार दण्ड दिया जावे जिसके लिए हम तैयार है।

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