बालमजदूरी के विरूद्ध कार्रवाई हेतु श्रम निरीक्षक को दिए आदेश

शिवपुरी। जिला बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) की न्यायपीठ ने जिला श्रम अधिकारी को आदेश कर स्पष्ट किया है कि जिले में 14 वर्ष से कम उम्र के बालक या बालिका यदि बालश्रम करते पाए जाते हैं तो त्वरित कार्रवाई होना चाहिए।

राज्य शासन के आदेशानुसार प्रतिमाह पांच निरीक्षण अनिवार्य है, जिस पर अमल कर प्रतिमाह जानकारी प्रस्तुत करें जो व्यक्ति, फर्म या संस्था 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से कार्य कराते हैं तो श्रम निरीक्षक प्रकरण बनाकर उनके विरूद्ध कार्रवाई करें और समिति के समक्ष प्रस्तुत करें। इस कार्य में बाल संरक्षण से जुड़ी संस्था, चाइल्ड लाइन आदि की मदद के साथ-साथ आवश्यकता पडऩे पर पुलिस की मदद लें पर पूरी तरह बालश्रम प्रथा की समाप्ति होना चाहिए।

सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष द्वारा बताया गया है कि अकेले शिवपुरी शहर में करीब 137 बच्चों को चिन्हित किया गया है जिसकी सूची भी श्रम विभाग का सौंप दी गई है जबकि श्रम विभाग निरंतर यह रिपोर्ट भेज रहा है कि शिवपुरी जिले में बाल श्रमिक निल है। श्री जैन ने यह भी बताया कि बंधुआ मजदूरी भी एक अभिशाप है जिसे बहुत जल्दी समाप्त करना नितांत आवश्यक है।

इनका कहना है
प्रकरण प्राप्त होने पर बालश्रम निषेध अधिनियम 1986 एवं किशोर न्याय अधिनियम 2000 की धारा 26 के तहत कार्रवाई सुनिश्चित की जावेगी जिसमें 6 माह की सजा व अर्थदण्ड का प्रावधान है।
जिनेन्द्र कुमार जैन, अध्यक्ष जिला बाल कल्याण समिति शिवपुरी