मटके के टुम्बक टू चाल ने बिगाडा पार्टियों का हाल

शिवपुरी। इस नगरपालिका चुनाव में मटके की टुम्बक टू चाल ने पार्टियो की चाल बिगाड दी है, अब मतदान के कुछ ही घंटे शेष है औार इस चुनाव का कोई रूख अभी तक नही बना है।

मतदान के 48 घंटे पूर्व हवा का जो रुख नजर आ रहा है उससे नगरपालिका अध्यक्ष पद पर स्थिति अस्पष्ट बनी हुई है। यह सुनिश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता कि बाजी किसके पक्ष में झुकेगी। हालांकि आसार जो नजर आ रहे हैं उससे लगता है कि भाजपा प्रत्याशी हरिओम राठौर, कांग्रेस प्रत्याशी मुन्नालाल कुशवाह तथा निर्दलीय प्रत्याशी छत्रपाल सिंह गुर्जर में से ही कोई एक विजेता होगा।

इस चुनाव में मोदी और शिवराज की लहर और यशोधरा राजे के प्रयास पर भाजपा के मि.बंटाधार का कार्यकाल भारी है और शहर भाजपा के पिछले कार्यकाल को प्यासे कंठो से कोस रहे है। धूल भी चुनावी मुददा बनी हुई है वह भी भाजपा को वोटों को उडा रही है परन्तु यह भी देखना होगा कि पिछले लोकसभा और विधान सभा ने शहर में 15 हजार वोटों से बढत कायम की थी। भाजपा भी सोच रही है कि शायद यही चमत्कार फिर हो जाए।

कांग्रेस सिंधिया जी के रोड शो के बाद उत्साह में दिख रही है ज्योतिरादित्य सिंधिया के रोड शो और आमसभा में दिखी भीड को कांग्रेस मान रही है कि यह भाजपा के पिछले कार्यकाल की नारजगी है और सिंधिया जी इसी नाकामी के गर्म लोहे पर, चोटे करते नजर आए।

उन्होने अपने भाषण में कहा कि पूछो कि नगरपालिका में उसकी उपलब्धियां क्या हैं? भाजपा ने क्या वायदे किये थे और उन वायदों का क्या हश्र हुआ। भाजपा से पूछा जाए कि वह नगरपालिका में किस मोर्चे पर सफल रही है। सिंधिया ने जहां अपनी उपलब्धियों गिनाईं और कहा कि विकास की राह में भाजपा ने क्या-क्या रोडे आटकाए है। कुल मिलाकर कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया का चेहरा दिखाकर और भाजपा के पिछले कार्यकाल को गिना कर जीत के प्रति आश्वश्त है।

छत्रपाल सिंह ने सावरकर पार्क को विकास मॉडल के रूप में प्रस्तुत कर जनता से सहयोग मांगा। और वे शहर की आज तस्वीर है उसे पचास साल पुरानी सी कह रहे है कुल मिलाकर वे भी भाजपा के मि.बंटाधार के कार्यकाल को पानी पी-पीकर कोस रहे है। कांग्रेस पर भी वे लगातार हमले कर रहे है और कह रहे है, यहां काम करने वाले की कोई पूछ परख नही है। और वे भी अपनी जीत के प्रति आश्वत दिख रहै है।

कुल मिलाकर इस त्रिकोणीय मुकाबले में कहना बडा ही कठिन है कि कौन इस रेस मेें जीतेगा, मटके के आने से यह मुकाबला त्रिकोणीय हुआ है, और मटका दोनो पार्टियो के गणित की  चाल बिगाड रहा है,मटका कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा के वोट को भी भर रहा है। अब कौन जीतेगा कौन हारेगा यह भविष्य की गर्त में है।