बागी प्रत्याशियों से जूझ रही भाजपा पार्टी

शिवपुरी। शिवपुरी नगरपालिका के अध्यक्ष और पार्षद पदों के चुनाव में भाजपा के बागी प्रत्याशियों ने पार्टी के लिए मुसीबतें बढ़ा दी हैं। अध्यक्ष पद पर जहां माणिकचंद राठौर चुनाव मैदान में डटे हुए हैं। वहीं 39 वार्डों में भाजपा के 32 बागी उ मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।
भाजपा उन्हें मनाने में जुटी है और बागियों को पार्टी से बाहर निकालने की हि मत नहीं जुटा पा रही है। भाजपा को डर है कि यदि बागी प्रत्याशियों को दल से बाहर किया गया तो इससे पार्टी को काफी नुकसान हो सकता है। बागियों से भाजपा का आत्मविश्वास हिला हुआ है। हालांकि नगर पंचायतों में बागियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार कई वार्डों में तो भाजपा के दो-दो, तीन-तीन प्रत्याशी मैदान में डटे हुए हैं। इनमें नगरपालिका परिषद के कई पूर्व पार्षद शामिल हैं। बागियों को मनाने के लिए पार्टी स्तर पर व्यापक कोशिशें हो चुकी हैं। प्रदेश सरकार की उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने भी नपाध्यक्ष पद का निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ रहे माणिकचंद राठौर को बैठने की हिदायत दी। यह मौका तब आया जब श्री राठौर स्वयं यशोधरा राजे सिंधिया से मिलने पहुंचे, लेकिन श्री राठौर ने चुनाव मैदान से हटने से इंकार कर दिया और कहा कि अब तो बहुत देर हो चुकी है।

विदित हो कि पिछले नगरपालिका चुनाव में भी अध्यक्ष पद पर माणिकचंद राठौर की पत्नी ने निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ा था और वह बुरी तरह पराजित हुई थी। वार्ड क्रमांक 2 के भाजपा कार्यकर्ता विक्की भदौरिया जिनकी पत्नी इसी वार्ड से बागी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रही हैं। उन्होंने भी चुनाव मैदान से हटने से इंकार कर दिया। भाजपा महिला मोर्चे की महामंत्री बीनू शर्मा ने तो पार्टी के पदाधिकारी पर गंभीर आरोप जड़े हैं। कई बागी प्रत्याशियों ने टिकट में लेनदेन के आरोप लगाए। भाजपा में भितरघात की समस्या काफी गंभीर है। बगावतियों के अलावा भितरघाती भी पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसी बजह से पार्टी आला कमान फूंक-फूंककर कदम रख रहा है। प्रतिदिन कहा जाता है कि आज बागियों के खिलाफ कार्रवाई होगी, लेकिन मामला टाल दिया जाता है।