इस बार धूल बनेगी चुनावी मुद्दा, होगा बहिष्कार

शिवपुरी। आने वाले नगर पालिका शिवपुरी के चुनावों पर कई व्यापारिक एवं सामाजिक संगठनों के बहिष्कार की गाज गिर सकती है। यह इसलिए क्योंकि शहर में पीने के पानी की जलावर्धन और सीवर प्रोजेक्ट को लेकर की गई खुदाई के दुष्परिणाम गं ाीर हो उससे पहले ही इस तकलीफ को भांपकर विभिन्न सामाजिक संगठनों व व्यापारी वर्ग आगे आया है।
स्थानीय श्रीनिवास कॉ पलैक्स पर आयोजित प्रेसवार्ता में जनता के दु:खड़े को सुनाते हुए पब्लिक पार्लियामेन्ट के महेन्द्र रावत ने कहा कि आज सड़कें खुदी होने के कारण पूरे शहर में धूल मिट्टी के कण नागरिकों की श्वांस नली से शरीर में जा रहे है जो आने वाले समय में अपना गंभीर परिणाम देंगें और इससे कई प्रकार की बीमारियां होंगी। प्रेसवार्ता में मौजूद रेडीमेड हौजरी एसोसिएशन के अध्यक्ष उमेश शर्मा ने तो यहां तक कहा कि कोई बड़ी बात नहीं कि आगामी समय में धूल मिट्टी के कणों से बीमार होने वाले लोगों के लिए शहर में दमा का नया अस्पताल खोला जाए और इसका शुभारंभ करने ाी कोई व्हीआईपी आए, इंसानी जान से यह खिलवाड़ होनेे नहीं दिया जाएगा। यदि इसके लिए आन्दोलन, धरना प्रदर्शन या भूख हड़ताल भी करनी पड़ी तो व्यापारी संगठन व समाजिक संगठन लामबद्ध होकर इस समस्या के निदान के लिए मिलकर लड़ाई लड़ेंगें। 

इसके साथ नगर पालिका चुनावों का भी इन संगठनों द्वारा बहिष्कार किए जाने की बात कही गई है। इस संबंध में ज्ञापन ाी एसडीएम को सौंपा गया जिसमें उन्होंने आश्वस्त किया है कि इस गं ाीर समस्या के निदान के शीघ्र ही प्रयास किए जाऐंगें। फिलवक्त प्रेसवार्ता में मौजूद रेडीमेड एवं हौजरी एसोसिएशन, पब्लिक पार्लियामेंट, व्यापार महासंघ, कपड़ा, कैमिस्ट, शूज, सेनेट्री एवं हार्डवेयर, किराना व्यापार संघ व सामाजिक संस्थाओं में सेवा संस्कार संस्था, मंजिल एक आशा, आर्ट ऑफ लिविंग एवं अन्य नागरिक व व्यापारीगणों ने शहर में खुदाई के दौरान उडऩे वाली धूल मिट्टी को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया है। 

यहां इन संगठनों ने आरोप लगाया कि जलावर्धन हो या सीवर प्रोजेक्ट दोनों ही महत्वाकांक्षी योजनाऐं राजनीतिकरण का भेंट चढ़ गई है उदाहरण के तौर पर महेन्द्र रावत ने समझाया कि जब गुजरात के कच्छ में 600-700 किमी तक एक बड़ी पाईप लाईन डालकर पेयजल की सुगमता को आसान बनाया जा सकता है तो शहर में इस महती योजना को पूर्ण करने में क्यों अड़ंगा डाला जा रहा है, क्यों नागरिकों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है यदि यही हाल रहा तो सभी व्यापारिक व सामाजिक संगठनों की ओर से आदर्श आचार संहिता के समय भी कलेक्टर से अनुमति मांगकर धरना प्रदर्शन, भूख हड़ताल के माध्यम से विरोध दर्ज कराया जाएगा जिसमें सभी शहरवासी भी शामिल होंगें। इस दौरान धूल मिट्टी से होने वाले खतरे के बारे में भी इन संस्थाओं द्वारा डॉ.आर.के.जैन से चर्चा की गई और इसके दुष्परिणामों से जिला प्रशासन को भी अवगत कराया गया है।