शिवपुरी से रविन्द्र तो कोलारस से रत्नेश टिकिट की लाइन में

शिवपुरी। नगरपालिका शिवपुरी के वार्ड क्रमांक 12 से सन् 2009 में निर्वाचित भाजपा पार्षद रत्नेश जैन इस बार नपं कोलारस के अध्यक्ष पद के लिए दावा ठोक रहे हैं और उन्होंने पार्टी से टिकट की मांग की है। जबकि पिछले 10 वर्षों से नपं कोलारस में अध्यक्ष पद पर मजबूती से जड़ें जमाएं रविन्द्र शिवहरे शिवपुरी नगरपालिका के अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस से टिकट की मांग कर रहे हैं।

आरक्षण में नपं कोलारस के अध्यक्ष पद की सीट सामान्य वर्ग के लिए जबकि नगरपालिका शिवपुरी की अध्यक्ष पद की सीट पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित हुई है। हालांकि श्री शिवहरे कोलारस नपं अध्यक्ष पद के टिकट के भी आकांक्षी है। कोलारस की कांग्रेस राजनीति में रविन्द्र शिवहरे का अपना प्रभाव है।

सन् 2004 के नपं अध्यक्ष पद के चुनाव में श्री शिवहरे ने विजय हासिल की और जब 2009 में यह सीट सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित हुई तो श्री शिवहरे ने अपनी धर्मपत्नी श्रीमती निशा शिवहरे को कांग्रेस उ मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतारा था और वह भी आसानी से चुनाव जीत गईं।

पिछले 10 साल में रविन्द्र शिवहरे ने नपं कोलारस में विकास की अनेक इबारतें लिखी हैं और उनका तथा उनकी पत्नी का 10 साल का अध्यक्षीय कार्यकाल काफी संतोषजनक रहा है। नपं अध्यक्ष के रूप में रविन्द्र शिवहरे ने अपनी प्रशासनिक क्षमता का भी प्रदर्शन किया है और अफसरशाही पर उनकी मजबूत पकड़ रही है। लेकिन रविन्द्र शिवहरे शिवपुरी में रहते हैं और अवसर को भांपकर उन्होंने नगरपालिका शिवपुरी की मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करा लिया है। आरक्षण में नपाध्यक्ष पद पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित हुआ है।

इस कारण रविन्द्र शिवहरे अध्यक्ष पद के टिकट हेतु पात्र हैं और कांग्रेस की स्थानीय राजनीति में कई वरिष्ठ नेता उनके सहयोगी हैं। आरक्षण होने के तुरंत बाद रविन्द्र शिवहरे ने शिवपुरी से चुनाव लडऩे की इच्छा जाहिर की। कल कांग्रेस पर्यवेक्षक अमिताभ हर्षी, त्रिलोक दीवानी और प्रभूराम चौधरी शिवपुरी आए और उन्होंने अध्यक्ष पद के दावेदारों से भेंट की। अध्यक्ष पद का दावा करने वाले कांग्रेसियों में रविन्द्र शिवहरे भी प्रमुख थे।

वहीं भाजपा पार्षद रत्नेश जैन डि पल कोलारस के मूल निवासी हैं, लेकिन शिवपुरी में उनका निवास स्थान और कर्मभूमि है। वह पिछले चुनाव में वार्ड क्रमांक 12 से पार्षद पद पर निर्वाचित हुए थे। श्री जैन शिवपुरी की भाजपा राजनीति में चर्चित जैन बंधुओं के निकटस्थ रिश्तेदार हैं।
पिछले पांच सालों में भाजपा में रहते हुए उन्होंने नपाध्यक्ष रिशिका अष्ठाना का सिर दर्द बढ़ाने का काम किया और वह लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़े रहे। उन्हें इस बात की परवाह नहीं रही कि इसका नुकसान या फायदा पार्टी को होगा  या नहीं। कई मौकों पर वह कांग्रेसी पार्षदों के साथ नपा प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए नजर आए। नपं कोलारस का अध्यक्ष पद सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित होने की संभावना अधिक थी। इसी कारण मौके को ाांपते हुए रत्नेश जैन ने कोलारस नपं की मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करा लिया। पिछले दिनों रत्नेश जैन ने खुलकर कोलारस से अपनी दावेदारी का ऐलान किया है।

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