पूजा करने गई 6 बहिनों में से 4 की पानी में डूबने से मौत

शिवपुरी/ कोलारस। जिले के बदरवास में एक कृषि फार्म पर स्थित तालाब मेें शुुक्रवार को सुबह पूजा करने गई 6 बहनो में से 4 की तालाब में डूबने से मौत हो गई। सभी आपस में चचेरी बहन थी तथा उनकी उम्र 9 से लेकर 15 वर्ष के बीच की बताई जा रही है। मौके पर मौजूद चश्मदीद दो मासूम बहनो के मुताबिक एक बहन पैर फिसलने के कारण जब तालाब में गिरी तो उसे बचाने के फेर में तीन अन्य बहने भी तालाब में कूंद गई, लेकिन वे उसे तो नहीं बचा पाई बल्कि इस हृदयविदारक घटना में चारों बहनों की दर्दनाक मौत हो गई।
तालाब के बाहर खड़ी दो बहनो ने मामले की जानकारी परिजनो को दी जिस पर से मौके पर पहुंचे परिजन चारों को तालाब में से निकालकर अस्पताल पहुंचे लेकिन दशहरे का अवकाश होने के कारण अस्पताल में कोई डॉक्टर न होने के कारण चारों को समय पर उपचार न मिल सका। परिजनो की मानें तो दो बहनें अस्पताल लाने तक जिंदा थी और बाद में इलाज के अभाव में उनकी मौत हुई है। घटना के बाद परिजनो ने इलाज में लापरवाही के चलते अस्पताल सहित डॉक्टर के घर पर हंगामा कर तोडफ़ोड की घटना को भी अंजाम दिया। 

इसके बाद मौके पर पहुंचे प्रशासन के अधिकारियों ने मामले को संभाला।आखिर में परिजन बीएमओं आरआर माथुर व डॉक्टर आरके चौधरी के निलंबन की मांग को लेकर अड़े हुए है और उनका कहना है कि मौके पर कलेक्टर आएं और डॉक्टर को निलंबित करें इसके बाद ही वे बालिकाओं का पीएम होने देंगे। हालांकि बाद में एसडीएम ने कलेक्टर से फोन पर चर्चा की जिस पर कलेक्टर ने परिजनो को आश्वासन दिया है कि मामले की जांच कराई जाएगी और जो भी डॉक्टर दोषी होंगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही  तहसीलदार ने प्रत्येक बालिका के परिजनों को डेढ़-डेढ़ लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

जानकारी के अनुसार गोलनदास बाबा मंदिर के पास रहने वाली धाकड़ परिवार की बालिकाएं आशा(15)पुत्री रमेश धाकड़, संगीता(14)पुत्री घूमन धाकड़, सपना(14)पुत्री गोपाल धाकड़, सुषमा(12)पुत्री जमुना धाकड़, कल्लो(७)व भाषा(8) सभी 6 बालिकाएं आज सुबह करीब 9 बजे अपने घर से चार सौ मीटर की दूरी पर कृषि फार्म पर मौजूद तालाब पर नव दुर्गा के आखिरी दिन नेहरता सिराने(पूजा करने) गई हुई थी। 

पूजा करते वक्त अचानक एक बालिका सपना का पैर फिसला और वह सीधे तालाब में जा गिरी। उसे पानी में डूबता देख उसे बचाने के लिए एक के बाद एक आशा, संगीता व सुषमा तीनों बहने भी तालाब में कूंद गई। लेकिन तालाब में पानी गहरा होने के कारण चारों मे से कोई ाी पानी से बाहर नहीं आ पाया। वहीं तालाब के बाहर खड़ी कल्लो व भाषा यह पूरा नजारा देख कर भागती हुई घर पहुंची और घरवालों को पूरा मामला बताया।  यह सुनते ही परिजन आनन-फानन में मौके पर पहुंचे तथा बालिकाओं को पानी में से निकाला। परिजनों की मानें तो चारों में से आशा व संगीता की सांस चल रही थी जबकि सपना व सुषमा की शायद मौत हो गई थी।

इसके बाद परिजन चारों बालिकाओं को लेकर सीधे अस्पताल पहुंचे जहां देखा कि दशहरा की छुट्टी होने के कारण कोई ाी डॉक्टर मौजूद नहंी था।साथ ही इमरजेंशी ड्यूटी पर तैनात भी डॉक्टर अस्पताल से नदारत था। जिस पर से परिजन पास में रहने वाले डॉ आरके चौधरी के घर पहुंचे तो डॉक्टर चौधरी ने छुट्टी की बात कहकर इलाज में आना-कानी की। बाद में परिजन बीएमओं आरआर माथुर के निवास पर पहुंचे जहां उन्होने परिजनों से कहा कि इमरजेेंशी ड्यूटी पर डॉ चौधरी ही है आप उन्हीं के पास जाए। इसी बीच जिन दो बालिकाओं में सांस चल रही थी उनकी भी मौत हो गई। चाारों लड़कियों की मौत से उग्र हुए परिजन व अन्य लोगो ने डॉ चौधरी के घर सहित अस्पताल में तोडफ़ोड़ शुरू कर दी हैै। हालांकि बाद में प्रशासन से एसडीएम बीके माथुर, तहसीलदार अरविंद बाजपेयी, एसडीओपी ब्हीके छारी तथा टीआई तिमेश छारी सहित अन्य प्रशासनिक अमला घटनास्थल पर पहुंच गया और स्थिति को जैसे-तैसे संभाला।