बेंडबाजों के साथ हुआ श्री गणेश का विसर्जन

करैरा। नगर में हर वर्ष गणेश उत्सव बड़े ही उत्साह उमंग के साथ मनाया जाता है। सप्ताह भर तक श्री जी की जमकर उपासना आराधना की जाती है। नगर में सभी हिन्दू धर्म के लोग श्रीजी की स्थापना करते है। इस वर्ष नगर में सैकड़ो की सं या में गणेश जी की प्रतिमाएं  स्थापित की गई हैं तथा इनका विसर्जन का सिलसिला ढोल ग्यारस से शुरू हो जाता हैं और तेरस व गणेश चतुर्थी को श्री गणेश का विसर्जन कर दिया जाता है।

ज्यादातर तेरस को गणेश जी का विसर्जन कर दिया गया दूसरे दिन गणेश चतुर्थी को पुरानी तहसील न्यायलय के पास दिल बाले सेवा समिति के द्वारा स्थापित की गई विशाल श्री गजानन की मूर्ति को अमोला सिंध नदी में विसर्जन करने समिति के सदस्य ले गये। नगर में विशाल मेला गणेश तेरस को लगाया था उसमे इस बार बाहर से आने बाले लोंगो के लिये समाज सेवी वीरेन्द्र साहू के सहयोग से भजन संध्या एवं आर्केष्ट्रा का कार्यक्रम स्थानीय पुलिस सहायता केंद्र पर रखा गया।

गणेश चतुर्थी पर निकाला गया तहसील के राजा का विमान
नगर में आखरी दिन गणेश चतुर्थी को दिल बाले सेवा समिति के द्वारा श्रीजी का जुलुस बेंड बाजों के साथ निकाला गया तथा प्रतिमा का विसर्जन सिंध नदी अमोला पुल पर किया गया। इस अवसर पर सिंध नदी पर प्रशासन की कोई व्यवस्था देखने को नही मिली। इसके साथ ही शंकर पार्वती की जोड़ी घोड़े पर बेठ कर नगर से झाकी के रूप में निकाली गई। गणेश उत्सव पर जहा जहा प्रतिमाओ को स्थापित किया था वहा पर भक्त गणों ने विसर्जन के पूर्ब कन्या भोज का आयोजन किया साथ ही समाज सेवी संस्था लायन क्लव और रतन सराफा के द्वारा लोगो को भर पेट भोजन रात्री के समय प्रसाद के रूप में बाटा गया।


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