शिवपुरी। दृष्टि वह अमूल्य और अनमोल उपहार है जिसे सिर्फ नेत्र विशेषज्ञ ही देने में सक्षम हैं। इस तरह से वह न केवल दीन-दुखियों, बल्कि समाज और राष्ट्र की सेवा कर पुण्य का कार्य करता है। इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए उतनी कम है।
उक्त उद्गार राष्ट्रीय नेत्र सुरक्षा संस्था मध्यप्रदेश के होटल सोनचिरैया में आयोजित वार्षिक अधिवेशन में प्रथम सत्र के दौरान उद्घाटन समारोह में उच्च न्यायालय ग्वालियर खण्डपीठ के न्यायमूर्ति श्री एसके पालो ने मु य अतिथि की आसंदी से व्यक्त किए। उन्होंने प्रदेश में नेत्र सुरक्षा संस्था द्वारा चलाए जा रहे दृष्टिविहीनता अभियान की भूरि-भूरि प्रशंसा की। एक दिवसीय वार्षिक अधिवेशन में दूसरे सत्र के दौरान प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञों ने नेत्रों के बचाव के लिए उपयुक्त जानकारी देते हुए कालापानी, क प्यूटर विजन सिंड्रोम, मधुमेह एवं उच्च रक्तचाप का आंखों पर प्रभाव से संबंधित ज्ञान को अधिवेशन में उपस्थित लोगों के साथ साझा किया। कार्यक्रम में बाहर से पधारे हुए अतिथियों में मप्र शाखा के अध्यक्ष डॉ. पी. दत्ता, राज्य शाखा सचिव डॉ. अरोरा, राज्य शाखा कोषाध्यक्ष श्री एसके जैन सहित जिला इकाई शिवपुरी के अध्यक्ष डॉ. एचपी जैन, उपाध्यक्ष डॉ. एसके पुराणिक विशेष रूप से उपस्थित थे। आभार प्रदर्शन की रस्म डॉ. एसके पुराणिक ने अदा की तथा संचालन संस्था के सचिव डॉ. आरके श्रीवास्तव द्वारा किया गया।
नेत्र रोगों से बचाव के लिए उपयोगी रहा दूसरा सत्र
राष्ट्रीय नेत्र सुरक्षा संस्था मप्र के वार्षिक अधिवेशन के दूसरे सत्र में विशेषज्ञ वक्ताओं द्वारा डॉ. कुमुद जोशी स्मृति व्या यान माला के अंतर्गत उपयोगी जानकारी दी गई। ग्वालियर से पधारे डॉ. राजीव गुप्ता ने कालापानी के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि आंखों में द्रव्य के बढ़ते दवाब के कारण यह बीमारी उत्पन्न हो जाती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कालापानी और मोतियाबिन्द नेत्रों की दो अलग-अलग बीमारियां हैं। अक्सर अधेड़ उम्र में मोतियाबिन्द के कारण दिखना कम हो जाता है, लेकिन यह मान लिया जाता है कि ऐसा कालापानी के कारण हुआ है। उन्होंने कहा कि 30 से 40 वर्ष की उम्र में प्रत्येक व्यक्ति को नेत्रों की जांच कराकर इस बीमारी से निजात पानी चाहिए। डॉ. एचपी जैन ने अपने उद्बोधन में क प्यूटर विजन सिंड्रोम विषय पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि क प्यूटर के ठीक इस्तेमाल न करने के कारण आंखों की रोशनी पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि क प्यूटर पर काम करने वाले लोगों को ठीक ढंग से और ठीक कोण से बैठना आना चाहिए। प्रत्येक 20 मिनट क प्यूटर पर काम करने के बाद 20 से 30 सैकेंड तक आंखों को बंद कर पुतलियों को घुमाना चाहिए।