शिवपुरी। सूअर समस्या के कारण चौतरफा दबाव से घिरे मु य नगरपालिका अधिकारी अशोक रावत को आज जब अपने भेड़ाघाट स्थानांतरण का समाचार मिला तो उन्होंने राहत की सांस ली।
उनके स्थान पर पोरसा के सीएमओ कमलेश शर्मा शिवपुरी की कमान संभालेंगे। सूत्र बताते हैं कि स्व ााव से सज्जन अशोक रावत सूअरपालक, प्रशासन और राजनेताओं के दबाव से अपने आप को काफी परेशान और अपमानित महसूस कर रहे थे। यहां तक कि वह खुद के अनिष्ट की आशंका से भी ग्रसित थे।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार उन्होंने अपने परिवार को फोन लगाकर यहां तक कह दिया था कि कभी भी मुझे हार्ट अटैक और ब्रेन हेमरेज हो सकता है। हालांकि बाद में परिवार वाले घबरा न जाएं इसलिए उन्होंने फिर फोन कर कहा कि यह सब मैं मजाक में कह रहा हूं। लेकिन समझा जा सकता है कि शिवपुरी में कितनी परेशानी से उन्होंने दिन गुजारे।
सीएमओ अशोक रावत की मर्जी यदि चलती तो वह कभी शिवपुरी नहीं आते। पदभार संभालने के बाद यहां की समस्याओं के कारण वह कई बार छुट्टियों पर गए। नगरपालिका आवास मामले में माननीय उच्च न्यायालय की अवमानना की गाज से वह परेशान रहे, लेकिन इसके बाद भी छोटी सी अवधि में उन्होंने अपनी मानवीयता का परिचय दिया तथा सरायं में रह रहे लोगों को राहत प्रदान की तथा उनके पक्ष में उच्च न्यायालय में कथन भी पेश किए।
सूअर समस्या से भी वह बहुत परेशान रहे और सूअरपालकों ने उन्हें अनेक बार अपमानित किया। प्रशासन और राजनीति के बीच भी वह पिसते रहे और उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वह प्रशासन और राजनेताओं के एक-दूसरे के विरोधाभाषी आदेशों का कैसे क्रियान्वयन करें।
तीन दिन के लिए उन्होंने शूट आउट अभियान रोकने का निर्णय भी लिया था। लेकिन यह निर्णय भी उनका खुद का नहीं था और सूत्र बताते हैं कि प्रशासन के इशारे पर निर्णय लेना पड़ा और वह नहीं समझ पा रहे थे कि इस निर्णय को खुद का निर्णय बताकर वह राजनेताओं के कोप भाजन से कैसे अपने आप को बचायें।
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