केंचुआ कांड: असली गुनहगार को बचा लिया महिला बाल विकास विभाग ने

शिवपुरी। महिला बाल विकास विभाग में कमीशनखोरी की शिकायतें स्वत: प्रमाणित होतीं जा रहीं हैं। हालिया केंचुआ कांड में महिला बाल विकास विभाग की जांच टीम ने अपने विभाग के अदने से कर्मचारी के खिलाफ तो कठोर कार्रवाई की परंतु केंचुआ सप्लाई करने वाली संस्था को बड़ी चतुराई से बचा लिया गया।

महिला बाल विकास विभाग की जांच टीम ने बड़ी ही चतुराई के साथ शिवपुरी के नए कलेक्टर को मिसगाइड किया। मासूमों के पोषण आहार में निकले केंचुए के मामले में कार्रवाई सप्लाई करने वाली संस्था आदर्श शिवपुरी महिला मण्डल के खिलाफ की जानी चाहिए थी परंतु जांचदल ने इस मामले मेें आंगनवाड़ी केन्द्र की निचले स्तर की कर्मचारी आंगनवाड़ी सहायिका श्रीमती शकीला बानो को दोषी प्रमाणित करते हुए पद से पृथक करने की कार्रवाई की अनुशंसा कर डाली, कोई उंगली ना उठाए इसलिए केंचुआ सप्लाई करने वाली संस्था को उक्त आंगनवाड़ी केन्द्र पर पूरक पोषण आहार प्रदाय करने के कार्य से पृथक करने की अनुशंसा की गई। तात्पर्य यह कि केंचुआ सप्लाई करने वाली संस्था की सप्लाई जारी रहेगी, बस वो एक आंगनवाड़ी केन्द्र पर सप्लाई नहीं करेगी।

आंनवाड़ी में पक रहे कमीशनखोरी के मामलों से अनजान नए नवेले कलेक्टर के सामने आनन फानन में जांच रिपोर्ट रखी गई। स्वभाविक था कि कलेक्टर विभागीय अनुशंसाओं पर स्वीकृति देते, सो उन्होंने दे दी और इस घोटाले की परतें खुलने से पहले ही मामले की इतिश्री कर दी गई। जबकि इस मामले में केंचुआ सप्लाई करने वाली संस्था के संचालकों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई होनी चाहिए थी। 


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