सूअरों को पकडऩे और शूट आउट करने की दर 250 से लेकर 750 तक आई

शिवपुरी। शहर के लिए समस्या बन चुके सूअरों को खदेडऩे के लिए हाईकोर्ट से लेकर प्रदेश मंत्री तक प्रयासरत्, लेकिन इसके बावजूद भी सूअरों की समस्या जस की तस बनी हुई है। लेकिन प्रथम प्रयास में असफलता के पश्चात अब सूअरों को पकडऩे और शूट आउट करने की निविदाएं नगरपालिका के समक्ष आई हैं।

अब कुछ ठेकेदारों ने निविदाएं भरकर नपा में जमा की है। गुहावटी के एक ठेकेदार ने सूअर पकडऩे के लिए 750 रूपये की दर डाली है वहीं हैदराबाद के ठेकेदार ने सूअरों को शूट आउट करने के लिए 250 रूपये प्रति सूअर की मांग की है। लेकिन मु य नगरपालिका अधिकारी अशोक रावत का कहना है कि ये दरें अधिक हैं। इसलिए ठेकेदारों से निगोसिएशन किया जा रहा है और सहमति बनने पर जल्द ही तय किया जाएगा कि सूअरों को पकडऩे के काम को स्वीकृति दी जाए अथवा मारने को। नगरपालिका ने इस बाबत् दोनों ठेकेदारों से संपर्क किया है।  

विदित हो कि स्थानीय विधायक व प्रदेश की उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने चुनाव में विजय हासिल करने के बाद शहर के कायाकल्प करने का निर्णय लिया और उनकी पहली प्राथमिकता सूअरविहीन शहर करने की रही। जिस पर उनके द्वारा नपा को निर्देशित किया गया। इसके बाद सूअरपालकों के खिलाफ कार्रवाई का दौर भी चला। यहां तक कि  एसडीएम न्यायालय में उक्त प्रकरण चला। बाद में नपा कर्मचारी जो सूअरपालक हैं उनके खिलाफ भी कार्रवाई की गई। इसके बावजूद भी शहर में सूअरों की समस्या बनी रही। जिससे प्रदेश मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया की मंशा अधूरी रही और इस मामले में प्रभारी मंत्री कुसुम महदेले ने भी हस्तक्षेप किया और भोपाल स्तर तक सूअरों का मामला उछला। 

यहां तक कि नपाध्यक्ष से लेकर सीएमओ तक को यशोधरा राजे सिंधिया के कोप का भाजन बनना पड़ा। लेकिन इतना होने के बावजूद भी नपा जाग्रत नहीं हुई। इसी बीच डॉ. राजेन्द्र गुप्ता द्वारा हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका पेश की। जिसमें हाईकोर्ट ने सूअरों को हटाने के लिए तीन माह का समय देते हुए नपा को निर्देशित किया कि अगर तय समयसीमा में सूअर नहीं हटे तो उन्हें शूट आउट किया जाए और फिर भी सूअर नहीं हटे तो इसके लिए जि मेदार कलेक्टर और नगरपालिका सीएमओ होंगे और उन्हें कोर्ट के आदेश की अवहेलना के चलते दण्ड भी दिया जाएगा। 

हाईकोर्ट को आदेश दिए चार माह से भी अधिक समय बीत चुका है, लेकिन सूअरों के मामले में कोई भी निर्णय नपा प्रशासन नहीं ले सका है। लेकिन विगत दिवस सूअरों को हटाने के लिए नपा ने दिलचस्पी दिखाते हुए परिषद की बैठक में आई निविदाओं की स्वीकृति दे दी, लेकिन दरों को लेकर परिषद में संशय बना हुआ है और नगरपालिका ने संबंधित ठेकेदारों से संपर्क भी साधा है।  सीएमओ अशोक रावत का कहना है कि अगर दरों को लेकर संशोधन होता है तो शहर में सूअरों को हटाने का काम जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा और अगर ठेकेदार उक्त दरों पर अड़े रहे तो परिषद की स्वीकृति लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

सूअरों को शूट आउट करने का कांग्रेस करेगी विरोध
शहर कांग्रेस अध्यक्ष राकेश जैन आमोल शहर में व्याप्त सूअरों की समस्या को काफी गंभीर मानते हैं। उनका कहना है कि निश्चित रूप से शहर से सूअरों को खदेडऩा चाहिए लेकिन इसके लिए नगरपालिका प्रशासन को सूअरों को शूट आउट करने के स्थान पर उन्हें पकड़कर बेदखल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सूअरों को यदि शूट आउट किया जाएगा तो यह गांधी, महावीर के देश के लिए उचित नहीं है।