ST CHARLES SCHOOL का फतवा: I WILL NOT SPEAK IN HINDI

शिवपुरी। शहर के मिशनरी स्कूल, सेंट चार्ल्स स्कूल ने फतवा जारी किया है कि यहां हिन्दी में बोलना और बातचीत करना दण्डनीय अपराध है, एक मामले में स्टूडेंट को केवल इसलिए कठोर सजा दी गई क्योंकि वो हिन्दी में बात करते पकड़ा गया था।

जानकारी के अनुसार शहर के सेंट चार्ल्स स्कूल में कक्षा 4 के बच्चे आपस में हिन्दी में बातचीत कर रहे थे तभी कक्षा के टीचर ने यहा बातचीत सुन ली, बस फिर क्या था, बवण्डर मच गया। टीचर ने इसकी शिकायत प्रबंधन को की और प्रबंधन ने बच्चों को कड़ी सजा सुनाई।

बच्चे को सजा के रूप में पढाई छोड़कर आठ पन्नों पर I WILL NOT SPEAK IN HINDI लिखने की सजा सुनाई दी गई और बच्चे से कहा गया कि जब तक यह सजा पूरी नही होगी तब तक आपकी की छुटटी नही होगी। मजबूर मासूम बच्चे छुट्टी के बाद तक अपनी कॉपी में लिखते रहे, I WILL NOT SPEAK IN HINDI

यहां सवाल यह खड़ा होता है कि कैसे किसी व्यक्ति को उसके मौलिक अधिकारों से वंचित किया जा सकता है। सभी अभिभावक चाहते हैं कि उनके बच्चे इंग्लिश मेंं बात करें, परंतु यह उन्हें कतई मंजूर नहीं कि वो हिन्दी में बात ना करें। इंग्लिश को सीखना, उसे सीखने के लिए प्रेरित करना, इंग्लिश में बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित करना अच्छी बात है परंतु आपस में यदि हिन्दी में बात करने पर भी स्कूलों में सजाएं मिलने लगें तो इसे गुनाहे अजीम ही कहा जाना चाहिए।

देखते हैं अबकी बार, मोदी सरकार का नारा लगाने वाले अपनी हिन्दी की सुरक्षा के लिए कुछ कर पाते हैं या नहीं।