शिवपुरी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के
कार्यालय में 28 जून तक आमंत्रित और 30 जून को खोली गई निविदाओं में
पारदर्शिता नहीं बरती गई। मनमाने ढंग से टेण्डर फॉर्म इशू किये गए। किसी को
दिए गए, किसी को नहीं दिए गए।
इच्छुक ठेकेदारों को निविदा के साथ
शर्तें नहीं दी गईं। अलग-अलग काम के लिए अलग-अलग निविदा फॉर्म की शर्त का
पालन नहीं किया गया। निविदादाताओं को स्वीकृत दरें नहीं बताई गईं और न ही
यह बताया गया कि किस निविदादाता का टेण्डर मंजूर हुआ है।
प्राप्त
जानकारी के अनुसार कार्यालय मु य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी शिवपुरी
के स्थानीय कार्यालय एवं विभिन्न स्वास्थ्य संस्थाओं पर संचालित उपकरण क
प्युटर, रेडियंट वार्मर पैथोलॉजी उपकरण, एक्सरे मशीन आदि के मर मत एवं
रख-रखाव जिले में संचालित विभिन्न गतिविधियों के प्रचार-प्रसार हेतु दीवार
लेखन, बाल पेंटिंग्स, लेक्स बैनर, विद्युत उपकरणों की मर मत कार्य आदि के
लिए शीलबंद योजनाएं 28 जून तक आमंत्रित की गईं। टेण्डर लेने के लिए जब
इच्छुक निविदादाता जब सीएमओ कार्यालय गए तो उन्हें टेण्डर देने में आनाकानी
की गई।
संबंधित लिपिक ने अपने बाहर होने का बहाना बनाया। किसी से
कहा कि विज्ञप्ति निरस्त हो रही है और दूसरी विज्ञप्ति निकलेगी, लेकिन जब
एक निविदादाता ने शोर मचाया तो बड़ी मुश्किल से उसे टेण्डर फॉर्म दिया गया।
अंतिम तारीख 28 जून को यह बताया गया कि कुल 10 निविदाएं आई हैं, लेकिन जब
30 जून को निविदाएं खोली गईं तो वे 13 थीं।
आरोप है कि रहस्यमय ढंग
से तीन निविदाएं बाद में डाली गई हैं। 434 कार्यों में विभिन्न कार्यों की
केटेगरी हेतु अलग-अलग निविदा फॉर्म लिए जाने थे, लेकिन इस नियम का उल्लंघन
किया गया। निविदाएं जब खोली गईं तो उसमें भी पारदर्शिता का अभाव था।
निविदाएं खुलने के बाद सभी की धरोहर राशि अनियमित रूप से रोक ली गई। जबकि
नियम यह है कि पहले तीन न्यूनतम दरों के निविदादाताओं के अलावा सभी की राशि
वापिस की जानी चाहिए थी।