करैरा में सड़के बनी राहगीरों के लिए मुसीबत का सबब

करैरा। बारिश शुरू होते ही नगर में कई मु य स्थानों पर बनाई गई करोड़ो की सड़के इन दिनो जर्जर होती जा रही है। आलम यह है कि अभी हाल ही में जिन सड़को पर डामरीकरण किया गया है उनका डामरीकरण दिनो-दिन उखड़ता जा रहा है। कई सड़के तालाब में तब्दील होती जा रही है। नगर में पुलिस चौकी सहायता केन्द्र से लेकर महुअर नदी पुल तक दोनो ओर से डामरीकरण का कार्य स्वीकृत हुआ, इस कार्य की लागत एक करोड़ है।

इस कार्य को ठेकेदार ने अर्थ वर्क करके अधूरा छोड़ दिया है वहीं बारिश शुरू होने से यह अधूरा कार्य भी धीरे-धीरे जगह-जगह से उखडऩा चालु हो गया है। स्थिति यह है कि पिछले दो वर्षो से यह कार्य पूर्ण नहीं हुआ है इसके बाद भी स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन तक कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

अन्य सड़को की हालत पर जर्जर
नगर की पुलिस चौक से महुअर नदी पुल तक डेढ़ किमी तक का डामरीकरण, बीज भंडार रोड़, पुराना बस स्टैण्ड, न्यू बस स्टैड, पुरानी तहसील चौराहा सहित कई अन्य स्थानों की सड़के काफी जर्जर हो चुकी है। इसके बाद भी नगर पंचायत इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। गर्मी में उड़ती धूल, बारिश में दलबल वाली सड़के जिनमें आए दिन लोग दुर्घटनाओं का शिकार होते है।

डस्ट डालकर कर दी राशि खुर्द-बुर्द
करोडा़े की लागत से बनाई जाने वाली डामरीकरण सड़क को जब ठेकेदार ने अधूरा छोड़ दिया तो नगर पंचायत ने सड़क पर मौजूद गड्डो को छिपाने के लिए डस्ट का उपयोग कर लाखों रूपए की राशि को खुर्द-बुर्द कर दिया। ऐसा एक बार नहीं बल्कि 5 बार किया। पूर्व सांसद यशोधरा राजे सिंधिया ने इस मामले में संबंधित ठेकेदार पर एफआईआर करने के निर्देश दिए थे लेकिन इसके बाद भी ठेकेदार पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

10 वर्ष में भी नहीं हुआ नगर का विकास
नगर परिषद से दो बार अध्यक्ष रहे कोमल साहू अपने 10 वर्ष के कार्यकाल में नगर का विकास कराने में नाकाम साबित हुए है। भाजपा नेता वीरेन्द्र साहू ने कोमल साहू पर आरोप लगाया है कि उन्होने केवल अपना ही विकास किया है उन्हे नगर के विकास से कोई सरोकार नहीं है। शहर की कई निजी सड़को पर सीसी रोड़ का जाल बिछवा कर उन पर कब्जा और शासकीय जमीनों पर कब्जा करके प्लॉटिंग कर करोड़ो के बारे-न्यारे कर लिया।


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