शिवपुरी। सूर्य नारायण के प्रकोप के चलते नागरिकगर्मी व उमस से परेशान थे, गर्मी के कारण दोपहर के समय लोगों ने घरों से बाहर निकलना बंद कर दिया था। वहीं किसान बारिश न होने के कारण परेशान थे, आज शाम लगभग 4 बजे उमड़ते घुमड़ते बदरा एक दम ही बरस गए।
एक घंटे की झमाझम बारशि ने जहां गर्मी से राहत की सांस ली है। वहीं तेज बारिश होने से किसानों के मुरझाये चेहरे भी खिल गए हैं। मानसून आने का समय जैसे-जैसे बीत रहा था किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें स्पष्ट देखी जा सकती थी, बारिश न होने के कारण किसानों द्वारा सोयाबीन की फसल की बोबनी तक नहीं की गई थी।
15 जून के उपरांत मानसून का आना लगभग तय होता है लेकिन इस बार लगभग एक माह के उपरांत मानसून सक्रिय होने के बाबजूद भी नगर पालिका प्रशासन द्वारा नालों की सफाई कराने की जहमत नहीं उठाई गई। जबकि नगर पालिका अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक इस तथ्य से वाकिफ है कि जून के तीसरे अथवा चौथे सप्ताह में मानसून सक्रिय हो जाता है तब होने बाली बारिश के पानी का निकास कैसे हो सकेगा। नालों की सफाई समय पर न होने के कारण शहर वासी दो बार बाढ का दंश झेल चुके है। लेकिन इसके बाबजूद भी नगर पालिका प्रशासन नागरिकों की परेशानी से अंजान ही बना रहा है।
बच्चों ने भी खूब लिया आनंद
आज शाम चार बजे जैसे ही तेजी से बारिश होना प्रारंभ हुई, गली कूचों से बाहर निकल कर बच्चों ने बारिश का जमकर लु त उठाया, सड़कों पर बहते हुए पानी में जगह-जगह पर बच्चे उछल कूद करते देखे गए।
नालों से निकलकर गंदगी आई बाहर
वैसे तो अमूमन मानसून 15 जून के बाद ही सक्रिय हो जाता है इस बार लगभग एक माह देरी से मानूसन सक्रिय होने के बाबजूद भी नगर पालिका अधिकारी द्वारा नाले तथा नालियों की सफाई कराने की जहमत नहीं उठाई। कूड़ा करकट एवं गंदगी से अटी पड़ी नालियों में से सारी गंदगी निकल कर सड़कों पर आ गई, बारिश होने से जहां नागरिकों ने राहत की सांस ली है वहीं शहर भर में सड़कों पर फैली गंदगी परेशानी का सबब बनी हुई है। नाले नालियों की सफाई न होने से यह तथ्य स्पष्ट हो जाता है कि नगर पालिका प्रशासन द्वारा नागरिकों के प्रति अपनी जि मेदारी का निर्वहन कितनी ईमानदारी के साथ किया जा रहा है।
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