रूठे बदरा: सिंचाई के लिए भी नहीं बचा मणीखेड़ा बांध में पानी

शिवपुरी। देर से हो रही बारिश का प्रभाव दिखाई देने लगा है फसलों की बौनी तो लेट हो चुकी है, और तीखी धूप उमस के बीच मड़ीखेड़ा बांध का पानी भी कम हो रहा है। महज 20 दिन में 10 सेमी पानी कम हो गया, जबकि बिजली का उत्पादन तो दो माह से ठप है। जिले के अन्य तालाब भी सूखने की कगार पर जा पहुंचे।

मड़ीखेड़ा एसडीओ एमके श्रीवास्तव ने बताया कि 20 दिन पूर्व बांध का लेबल 331:45 मीटर था, जो अब 331:35 मीटर हो गया। बारिश होने से सिंध नदी में पानी का बहाव बांध से नहीं जुड़ पाया। जबकि बीते वर्ष 29 जून को ही बांध में इतना पानी गया था कि गेट खोलने पड़े थे। श्रीवास्तव ने बताया कि अभी बांध में 195 मिलियन घनमीटर पानी है, जबकि रबी सीजन में बांध से 320 मिलियन घनमीटर पानी की आवश्यकता होती है।

इस हिसाब से अभी बांध में पानी की बेहद कमी है। एम के श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले रिकार्ड के मुताबिक यदि सूखा भी पड़ता है तो भी बांध में बारिश के दौरान 145 मिलियन घनमीटर पानी आता रहा है। यदि इतना पानी भी बांध में जाएगा तो 195 एवं 145 मिलकर 340 मिलियन घनमीटर पानी हो जाएगा। इसलिए रबी की सिंचाई के लिए पानी छोडऩे के बाद केवल 20 मिक्यूमीटर पानी ही बचेगा।

बीतेवर्ष जून माह में ही बांध के गेट खोलने की नौबत गई थी, इसलिए बिजली का उत्पादन भी शुरू हो गया था। लेकिन इस बार पिछले दो माह से बिजली उत्पादन बंद है और यह कब शुरू हो पाएगा, कहना मुश्किल है, क्योंकि बांध में ही पानी कम है।

मड़ीखेड़ा एसडीओ का कहना है कि यदि इस साल बारिश अच्छी होती तो बांध को पूरा भरा जाता। क्योंकि पिछले वर्षों में जलभराव की स्थिति को देखते हुए बांध पूरा भरने के निर्देश मिल गए। लेकिन अब बारिश ही नहीं हो रही तो क्या करें।