कलेक्टर साहब! जमाईजी का सर पूजने का वक्त आ गया है

शिवपुरी। शब्द कड़े हो सकते है क्षमा करना, लेकिन मामला अगर जलावर्धन का है तो लिखने ही पड़ेगा, क्योंकि निवेदन की भी एक सीमा होती है, इंतजार की भी एक हद होती है अब तो इंतहा हो गई इंतजार की। मेरे वार्ड के पार्षद से लेकर इस प्रदेश के सीएम तक इस कंपनी से काम शुरू करने को अपने-अपने स्तर से कह चुके है।

इस कंपनी का मालिक भारत के किस बड़े आदमी का दमाद है, में तेजी से पता कर रहा हुं, क्योंकि अभी तक सिर्फ एक ही जीजाजी पर इस भारत का कानून काम नही करता था, लेकिन अब उनकी सास की सत्ता नहीं रही तो शायद भारत का कानून काम कर सके, परन्तु शायद दोशियान कंपनी के मालिक आखिर किसके दामाद है जो कंट्रोल में ही नहीं आ रहे।

ये मेरी नहीं शिवपुरी की आवाज है जो आने वाले दिनों में सबके सामने गूंजती हुई दिखाई देगी, मैं तो बस आवाम की भावनाओं को शब्द दे रहा हूं कि

कलेक्टर साहब हमारे यहां एक परम्परा है कि दमाद के पांव पूजे जाते है सिर नहीं, लेकिन अब इस जमाईजी का सिर पूजने को समय आ गया है बस अब हमे पानी चाहिए हमारे कान पक गये है ये सुनते-सुनते की जलावर्धन का काम अब शुरू हो रहा है। तारीख पर तारीख इस कंपनी ने दी है पर काम शुरू नही किया है। आपने अभी कहा था कि अगर दोशियान ने काम शुरू नही किया तो कंपनी के ऊपर हाईकोर्ट की अवमानना का मुकदमा दर्ज होगा।

अब प्लीज एक प्रेस नोट बनबाईये और उसमे हम लिखा देखना चाहते है कि
कलेक्टर शिवपुरी ने दिए निर्देश कि शिवपुरी की लाईफ लाईन समझी जाने वाली और प्यासे कंठो को पानी पिलाने वाली योजना के काम में लापरवाही बरतनें पर और बार-बार काम शुरू करने के निर्देश देने पर भी काम शुरू नही किया है इस कारण दोशियान कंपनी पर हाईकोर्ट की अवमानना की कार्रवाई की जाती है।

ऐसा प्रेसनोट पढऩे और छापने पर हमे शांती मिलेगी और शिवपुरी के नागरिक भी आपको दिल से दुआएं देेंगें और भी कानूनी सालह अपने अधीनस्थों और वकीलो से लीजिए एक दो मुकदमेें और दर्ज करावाईए और इन्है गिरफ्तार कर इस कंपनी के मालिक को इनकी ऑरिनल ससुराल पहुंचाइए।              


शिवपुरी के जनमानस की ओर से
ललित मुदगल
स्थानीय संपादक
शिवपुरी सामाचार डाट कॉम