शिवपुरी। नगर में सूअर पालकों के संरक्षण में पल रहे सूअरों को शहर से खदेडऩे की तैयारी नपा व जिला प्रशासन कर ली है यही कारण है कि नगर पालिका ने 19 ऐसे सूअर पालकों की सूची होईकोर्ट को सौंपी है जिसमें वह जिला प्रशासन, नपा व पुलिस प्रशासन को सहयोग नहीं कर रहे और सूअरों को पाल रहे है जिनके संरक्षण में शहर में हजारों की सं या में सूअर निश्चिंत विचरण कर आम जनजीवन को तहस-नहस कर रहे हैं।
सूअरपालकों के लिए कानूनी कार्रवाई से बचने हेतु एकमात्र रास्ता है कि वह माननीय हाईकोर्ट द्वारा निर्धारित समयावधि में अपने सूअरों को शहर की सीमा से बाहर ले जाएं अन्यथा उनके विरूद्ध न केवल उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना की कार्रवाई होगी,बल्कि उन्हें सेवा से भी बर्खास्त कर दिया जाएगा। नगरपालिका ने न्यायालय को अवगत कराया है कि सूअरपालक अपनी हठधर्मिता पर अड़े हुए हैं और तमाम प्रयासों के बाद भी शहर से अपने सूअरों को हटाने के लिए तैयार नहीं हैं।
ये हैं सूअर पालक
नगरपालिका ने उच्च न्यायालय को अवगत कराया है कि मुन्नालाल खरे, शक्ति पुत्र ईश्वर, राजेश पुत्र रमेश गेंचर, गिरवर पुत्र सावलिया, संतोष कोडे पुत्र श्यामलाल, बच्ची पुत्र उमरावत कोडे, श्रीकृष्ण पुत्र चिंटू, सुरेश पुत्र इतबारी खरे, कल्लू पुत्र मंगल, अमर पुत्र बालमुकुंद, दीपक पुत्र नंदराम, हरिशंकर पुत्र रंगीलाल, सिद्दू खरे पुत्र जगदीश, बुधमल खरे पुत्र गुलवा, रामकरण घावरी, संजीव खरे पुत्र रामचरण, नरेश पुत्र बाला, मोहन पुत्र लल्ला, भगतराम पुत्र रंगीलाल सूअरपालक हैं जिनके शिवपुरी शहर में इनके ही हजारों की सं या में सूअर विचरण कर रहे हैं जो न केवल गंदगी फैला रहे हैं, बल्कि बीमारियों के जनक भी बने हुए हैं।
हाईकोर्ट ने निर्धारित की समयावधि
इस मामले में नगर पालिका द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए सूअरपालकों की जो सूची सौंपी है उन सभी सूअरपालकों के लिए अपने सूअर शहर से हटाने हेतु उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित समयावधि 7 जून निर्धारित है। इसके बाद यदि सूअर नहीं हटे तो उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए नगरपालिका सूअरों को शूट आउट करने का आदेश जारी कर देगी। वहीं सूअर पालकों को सेवा से बर्खास्त और उनके विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना की कार्रवाई होगी। माननीय उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में साफ लिखा है कि उनके आदेश के दो माह के बाद अर्थात् 7 जून के बाद शिवपुरी शहर के अंदर कोई व्यक्ति सूअर पालता हुआ मिला तो उसे व्यक्तिगत रूप से हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना का दोषी माना जाएगा।
यशोधरा ने किया था मुहिम का आगाज
नपाध्यक्ष श्रीमती रिशिका अष्ठाना ने बताया कि यशोधरा राजे सिंधिया ने विधायक निर्वाचित होने के बाद सबसे पहले सूअरों को हटाने की मुहिम का आगाज किया था। नगरपालिका के तमाम प्रयासों के बावजूद भी सूअरपालकों की हठधर्मिता के कारण शहर से सूअर नहीं हट पाए थे। हालांकि नगरपालिका ने कुछ सूअरपालकों को नौकरी से हटाया था बाद में आश्वासन के पश्चात उन्हें नौकरी पर वापिस ले लिया गया था, लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने अपने सूअर नहीं हटाए। लेकिन उच्च न्यायालय के आदेश का हर स्थिति में पालन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सूअरों को मारने के लिए नपा ने टेण्डर विज्ञप्ति जारी कर दी है और 15 मई तक टेण्डर आमंत्रित किए गए हैं।