अब शायद प्रेमलता के हत्यारे खुद ही कोतवाली आऐंगें

शिवपुरी। दिनदहाड़े घर में घुसकर लूट कर और महिला प्रेमलता बाई की हत्या करने के बाद आरोपी अब भी पुलिस गिरफ्त से कोसों दूर बने हुए है। ऐसे में पुलिस के लिए यह मामला अबूझ पहेली सा नजर आ रहा है।

हालांकि पुलिस ने इस हत्याकाण्ड में कईओं से पूछताछ की लेकिन कोई सार्थक परिणाम निकलकर सामने नहीं आ सका। जिससे पुलिस की मुश्किलें भी बढ़ी हुई है। ब्राह्मण समाज भी इस ओर आन्दोलन का रूख अख्तियार करने को है । देखना होगा कि पुलिस इस मामले में शीघ्र क्या कार्यवाही करती है?

यहां बताना होगा कि बीती 18 फरवरी को दिन दहाड़े हुए अंधे कत्ल की गुत्थी घटना के 16 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस सुलझाने में असफल नजर आ रही है। हालांकि इस मामले में पुलिस ने अभी तक 110 लोगों से पूछताछ की है। जिनमें शहर के कुछ आपराधिक प्रवृत्ति के लोग और उनके परिवार के सदस्य व पड़ोस के लोग शामिल हैं, लेकिन इस पूछताछ में पुलिस को ऐसा कोई भी महत्वपूर्ण सुराग हाथ नहीं लगा है। जिससे पुलिस हत्यारों तक पहुंचे। पुलिस ने हत्यारोपियों पर ईनाम की भी घोषणा की, लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस इन आरोपियों की पहुंच से दूर है।

विदित हो कि राजेश्वरी रोड पर दिन दहाड़े प्रतिष्ठित गुड़ा वाले परिवार की महिला प्रेमलता की मुंह में कपड़ा ठूंसकर गला दबाकर हत्या कर दी थी और हत्यारोपियों ने लूट भी की थी। पुलिस अधीक्षक महेन्द्र सिंह सिकरवार ने हत्यारोपी की सूचना देने वाले व्यक्ति को ईनाम की घोषणा भी की है, लेकिन इसके बावजूद भी आरोपियों का कोई सुराग नहीं लग सका है। पुलिस अधीक्षक श्री सिकरवार का कहना है कि वह इस मामले को सुलझाने के लिए हर संभव प्रयास में लगे हुए हैं और मामले में अभी तक करीब 110 लोगों की पूछताछ की जा चुकी है, लेकिन ऐसा कोई भी सबूत हाथ नहीं लगा है कि वह हत्यारोपियों तक पहुंचा सके।

पुलिस अभी तक सिर्फ इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि लूट के उद्देश्य से हत्या की गई है और हत्या करने में किसी नजदीकी व्यक्ति का हाथ है। मृतिका प्रेमलता के परिवारजन बताते हैं कि बीच शहर में होने के बावजूद भी पे्रमलता घर में तालाबंद कर रहती थी और किसी परिचित व्यक्ति के आने पर ही ताला खोलती थी। उस दिन दोपहर 12 बजे एक आरक्षक जो कि उनका रिश्तेदार है वह कार्ड देने के लिए आया था और उक्त आरक्षक का कहना है कि ताला खुला हुआ था और कोई अनजान व्यक्ति पीठ फेरकर खड़ा हुआ था। प्रेमलता अंतिम बार उसी समय दिखी थी और 12 से दोपहर 2 बजे के बीच ही उनकी हत्या हुई। हत्या का सुराग न लगने से शहर में दहशत का वातावरण अवश्य व्याप्त है।