प्राइवेट लोगो कि वपौती बना मंडी बेरियर

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शिवपुरी। क्या आप अपने ट्रक मे टमाटर, प्याज ,सब्जी आदि कच्चा मॉल लादे हुए है और आपको अन्तर्राजिय कृषि उपज मंडी सिकंदरा वेरियर से निकलना है तो साबधान होकर जाइये क्योकि वहा पर आपका सामना सरकारी अफसरों से नहीं प्राइवेट लोगो ;गुंडोंद्ध से होगा.
जिन्हें  ना तो सरकार के नियमो कि चिंता और ना ही किसी वरिष्ठ अधिकारी का भय उनका तो बस एक ही काम है ट्रक बालो से  दादागिरी से पैसा उगाना ण्उन्हें इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि मॉल कहा से आया है चाहे वह उत्तर प्रदेश से हो  या फिर महाराष्ठ से एगुजरात का हो या फिर राजस्थान का ए बिल हो बिल्टी हो कांटा  कि पर्ची हो ए उन्हें मॉल के कागज से नहीं ए  उन्हें तो साहब केवल पैसे से मतलब है

यह तो बाहर से आने बाले कच्चे  मॉल कि स्थिति है ण् मध्य प्रदेश से आने बाले कच्चे मॉल कि तो आप बात ही मत करिए ण् मलबांचल से आनेबाली बिना मंडी गेट पास कि  प्याज कि तो  बात ही कुछ और है बैसे गुना से धनिया ए श्योपुर से सरसों ए शिवपुरी से दाना सब कि अपनी अपनी रेट फिक्स है साहब सरकार को टेक्स मिले ना मिले इन्हें  बिना मंडी गेट पास के गाड़ी निकालने कि दिहाड़ी अवश्य मिलती है चाहे सरकार को इससे कितने ही राजस्व कि चपत क्यों ना लग रही हो ण्इन्हें केवल बस अपना ही स्वार्थ दिखाई देता है दिखाई भी क्यों ना दे मोटर साइकिल पर चलने बाले आज चार चार गाडियो के मालिक बन गये। मंडी बेरियर रू.  पहले दिनारा मंडी बेरियर करेरा मंडी सचिव के अधीन हुआ करता था जबसे दिनारा अंचल के 35 गावं  दतिया जिले मे मिल गये थे  उक्त बेरियर भी दतिया मे चला गया था कुछ महीने दतिया मे रहने के बाद यहाँ पदस्थ कर्मचारियों कि सेटिंग दतिया मे ना होने के कारण और इस बेरियर पर होने बाली काली कमाई कि शिकायत जब भोपाल कि गई तो यहाँ पदस्थ स्टाफ को रंगे ने हाथो पैसा लेते हुये पकड़ा गया था तभी से यह  बेरियर ग्वालियर डीण् यस ण् के अंडर मे चल रहा है

नाम किसी का और काम किसी का रू. बैसे तो उक्त बेरियर पर डी यस के द्वारा ही पोस्टिंग कि जाती है लेकिन डी यस के द्वारा पदस्थ कर्मचारी तो बस नाम यहाँ  के ही है सूत्र बताते है इस बेरियर प्राइवेट लोग करते है उगाही  अगर इस बेरियर कभी भी जायेगे तो सरकारी कम प्राइवेट लोग ज्यादा दिखाई देगे ण् पूरा का पूरा काम यह प्राइवेट लोग करते है शाम छ: बजे से यह लोग हाई बे पर बनी पट्टी पर बैठ जाते और खुलेआम वाहन चालको से पैसा लेते है अगर कोई वरिष्ठ अधिकारी इस बेरियर पर होरही  अंधेरगिरदी को देखना चाहता है तो कभी भी नजदीक मे बने ढाबे या पट्टी पर ही खड़े होकर यह नजारा अरामी से देख सकते है सब कुछ उनके सामने अपने आप आ जायेगा

डी एस और उप निरीक्षक मैं बेरियर को लेकर छिड़ी जंग य. सूत्र बताते है कि इस बेरियर पर डी एस ग्वालियर ने  विगत तीन माह पूर्व यँहा पदस्थ स्टाफ का ट्रांसफर किसी अन्य बेरियर पर कर दिया था दो माह बाद डी एस का भीहोपल  ट्रांसफर हो गया एडी एस साहब को न्यायलय कि शरण मैं जाना पड़ा और इस बेरियर फिर से उन्होंने नई पोस्टिंग कर दी। जरा सोचिये कि इस बेरियर पर ऐसा क्या है कि डी एस बेचारे को भी स्टाफ बदलते ही खुद को बचाने न्यायलय कि शरण लेनी पड़ी ।

इनका कहना है-
मंडी  बेरियर पर लोकल के किसानों के  साथ साथ बाहर से आने वाले आलू प्याज टमाटर  लादे हुये वाहन चालकों के साथ मंडी वेरियर पर तैनात प्राइवेट लोगो के दवरा गुंडा गिरी कर पैसा वसूला जाता है जिसकी मैंने पी जी सेल के साथ साथ डी एस ग्वालियर से लिखित शिकायत कि है।
श्रद्धा सतीश फ ौजी 
मंडी सदस्य दिनारा  

हमारी गाडिय़ा महाराष्ट से अंगूर ए अनार ए प्याज लेकर मंडी गेट पास सहित सिकंदरा बेरियर से निकलती है यँहा हमारे ड्राइवरों के साथ बदसलूकी कि जाती है उनसे नाजायज पैसे मांगे जाते है हमने इसकी शिकायत मंडी बोर्ड भोपाल को कि है  आप भी हमारी मदद करै दिलीप काका
महाराष्ट लगेज ट्रांसपोर्ट कंपनी नासिक

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