रोटरी क्लब द्वारा आयोजित विकास के संवाद पर ज्योतिरादित्य ने दिए जवाब

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शिवपुरी। रोटरी क्लब द्वारा आयोजित विकास के संवाद में गुना लोकसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया के समक्ष अधिकांश वक्ताओं ने यहां व्याप्त बेरोजगारी को मुख्य मुद्दा बनाते हुए औद्योगिकीकरण की मांग की।

समाजसेवी प्रमोद गर्ग ने जहां उद्योगों की कमी का रोना रोया वहीं एक महिला ने खदान खुलने की बात करते हुए कहा कि इसके बाद भी शिवपुरी के लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा। संवाद में खराब सड़कें, सूअर समस्या, गंदगी और पेयजल समस्या का मुद्दा भी छाया रहा, लेकिन श्री सिंधिया ने बड़ी सफाई से बचाव करते हुए अपना पक्ष पुरजोर तरीके से स्पष्ट किया। वहीं स्वयं की राय भी बेबाकी से व्यक्त की।

बकौल सिंधिया, यह भ्रम दूर हो जाना चाहिए कि औद्योगिकीकरण बेरोजगारी को दूर करने का एक मात्र माध्यम है। कभी-कभी तो उद्योगों में पूंजी हजारों करोड़ रूपये लगती है और गिने-चुने लोगों को ही रोजगार मिलता है। ऐसी स्थिति में हमें उन उद्योगों का चुनाव करना चाहिए जिनमें पूंजी कम, लेकिन रोजगार के अवसर अधिक हों और मैं इस दिशा में प्रयासरत् हूं।

कई समस्याओं के लिए श्री सिंधिया ने राज्य सरकार को तो कुछ के लिए व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराया  और कहा कि हम अपना घर तो साफ रखते हैं, लेकिन बाहर निकलते ही नागरिक के रूप में अपने दायित्वों को भूल जाते हैं। इसी कारण सड़कों, स्टेशनों सहित सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी रहती है। प्रारंभ में रोटरी क्लब के अध्यक्ष प्रदीप सांखला और कार्यक्रम के संयोजक डॉ. एमडी गुप्ता ने श्री सिंधिया के सम्मान में स्वागत भाषण दिया।
संवाद कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने श्री सिंधिया से संवाद का सिलसिला शुरू किया। कांग्रेस प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया से सवाल का सिलसिला समाजसेवी प्रमोद गर्ग ने शुरू किया और उन्होंने कहा कि

औद्योगिकीकरण न होने से शिवपुरी में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है और यह समस्या विकास में प्रमुख अवरोधक है? प्रारंभ में श्री सिंधिया ने औद्याोगिकीकरण के लिए प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि मप्र सरकार ने दस लाख करोड़ के एमओयू साइन कर लिए हैं, लेकिन धरातल पर कुछ काम नहीं हुआ, क्योकि औद्याोगिकीकरण के लिए जिस अद्योसंरचना बिजली, सड़क, पानी और वातावरण की आवश्यकता होती है। वह देने में प्रदेश सरकार असमर्थ रही है।

इसके दूसरे पहलू को स्पष्ट करते हुए श्री सिंधिया ने कहा कि पॉवर सेक्टर में औद्याोगिक ईकाई लगाने के लिए 15 से 20 हजार करोड़ की पूंजी की आवश्यकता होती है, लेकिन रोजगार के अवसर मुश्किल से दो ढाई सौ लोगों को ही मिल पाते हैं। जबकि कई उद्योग ऐसे हैं जिनमें एक करोड़ की पूंजी पर 800 लोगों को रोजगार मिल जाता है। इस सिलसिले में उन्होंने पर्यटन, आईटी और सेवा के क्षेत्र का जिक्र किया। उन्होंने इस सिलसिले में गुना जिले में स्वयं के प्रयासों द्वारा स्थापित फुटबियर डिजाईन एण्ड डब्लपमेंट इंस्टीट्यूट का जिक्र किया और कहा कि इस तरह की ईकाईयों से युवाओं में आत्मविश्वास बढ़ता है और वह रोजगार के प्रति बेफिक्र रहते हैं। इस कार्यक्रम में रोटरी क्लब के अध्यक्ष प्रदीप सांखला, नंदकिशोर राठी, डॉ. एमडी गुप्ता, मुकेश भाण्डावत, राजेश कोचेटा, संजय लूनावत, तेजमल सांखला,आदि मंचासीन थे। जबकि कार्यक्रम का संचालन समीर गांधी ने किया।

उद्योगपति के पीछे घुमते है कई मुख्यमंत्री
एक जमाने में उद्योगपति मुख्यमंत्रियों के यहां उनके राज्य में उद्योग लगाने के लिए कतार लगाकर खड़े रहते थे, लेकिन अब मुख्यमंत्री उद्योगपतियों के यहां कतार लगाए रहते हैं ताकि वह उनके क्षेत्र में आएं और विकास और प्रगति में महती भूमिका निभाए, क्योंकि बिना औद्योगिकीकरण के किसी भी राज्य का विकास संभव नहीं है।

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