दवा घोटाला: कांग्रेस ने की उपासना को हटाने की मांग

शिवपुरी। बीते दिनों रात्रि के समय शहर में गुपचुप तरीके से बड़ी राशि की दवा महिला बाल विकास के आंगनबाड़ी केन्द्र पर उतारे जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष ने मामले में हुए बड़े स्तर पर घोटाले की शिकायत चुनाव आयोग से करते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी उपासना राय को निलंबित कर निष्पक्ष जांच की मांग की। श्री जैन ने स्वास्थ्य विभाग और महिला बाल विकास के अफसरों पर हेरफेर का आरोप लगाते हुए मामले को दबाए जाने का आरोप लगाया है।

विदित हो कि न्यूब्लॉक में स्थित आंगनबाड़ी प्रशिक्षण केन्द्र में ट्रक क्रमांक एमपी 07 जीए 2142 से ग्वालियर से शिवपुरी के लिए एक दवाओं से भरा ट्रक विगत दिनों रात्रि के समय उतारा जा रहा था। उस समय वहां मौजूद मीडियाकर्मियों ने मामले को संदिग्ध जानकारी पूछताछ की तो प्रशिक्षण केन्द्र पर मौजूद बाबू नरेश दोहरे पत्रकारों को धमकी देते हुए वहां से भाग निकला। बाद में ग्वालियर से आया सप्लायर भी ड्रायवर से बिल्टी लेकर भाग खड़ा हुआ। उस समय बिल्टी पर पाने वाले का नाम जिला मलेरिया अधिकारी अंकित था, लेकिन कुछ देर बाद सप्लायर दूसरे बिल्टी लेकर वहां पहुंचा, लेकिन मीडियाकर्मियों ने जब पहली बिल्टी के फोटू होने की बात कही तो सप्लायर फिर से वह फर्जी बिल्टी लेकर भाग खड़ा हुआ। बाद में पत्रकारों को प्रलोभन भी दिया गया।

यह घटनाक्रम देर रात तक चला और अंत में चुनाव आयोग के पयर्वेक्षक पुनीत कुमार के हस्तक्षेप के बाद ट्रक को कोतवाली लाकर खड़ा कर दिया। जिस कलेक्टर आरके जैन ने जिला कार्यक्रम अधिकारी उपासना राय से जवाब तलब किया और बाद में जिला कार्यक्रम अधिकारी उपासना राय ने गलती स्वीकार की और जवाब दिया कि सप्लायर द्वारा बजट सरेण्डर किए जाने के बाद दवाओं को उतारा जा रहा था और बाद में आगामी वित्तीय वर्ष में आबंटन की बात कहते हुए ट्रक को वापिस लौटा दिया। पूरे मामले में ट्रक के वापिस चले जाने के बाद भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल यह है कि जब बजट सरेण्डर कर दिया गया तो फिर ट्रक को लौटाने के स्थान पर उसे आंगनबाड़ी प्रशिक्षण केन्द्र में उतारा क्यों जा रहा था? बिल्टी जिला कार्यक्रम अधिकारी के स्थान पर मलेरिया अधिकारी के नाम पर क्यों थी?

उपासना राय के पद पर बने रहने से जांच होगी प्रभावित: राकेश जैन

शहर कांग्रेस अध्यक्ष राकेश जैन आमोल ने दवा घोटाले में निष्पक्ष जांच की शिकायत चुनाव आयोग से करते हुए मांग की है कि महिला बाल विकास अधिकारी उपासना राय को तुरंत उनके पद से निलंबित किया, क्योंकि उनके पद पर रहते हुए जांच निष्पक्ष रूप से नहीं हो पाएगी। इसलिए शीघ्र ही महिला बाल विकास अधिकारी को यहां से हटा दिया गया।

निष्पक्ष जांच से ही उजागर होगी घोटाले की असलियत

इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब बजटर सरेण्डर कर दिया गया था और यह कहा गया था कि आबंटन पुन: आगामी वित्तीय वर्ष में प्रदाय किया जाएगा तो फिर उन ट्रकों को क्यों उतरवाया जा रहा था। ट्रकों को सप्लायर को क्यों नहीं वापिस किया गया। 20 लाख के बजट को सरेण्डर करने की बात कार्यक्रम अधिकारी ने कही और उनका यह भी कहना है कि एक ट्रक में 3 लाख 64 हजार 350 रूपये की दवाएं हैं तो फिर दूसरे ट्रक में इससे पांच गुना कीमत की दवाएं कौन सी हैं। इसे भी वह उजागर करने की पहल करतीं।