आज से बंद होंगी रेत खदानें, शुरू होगी रेत की कालाबाजारी

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शिवपुरी-अंचल में रेत खदान के कारोबार पर अब काले बादल मंडराने लगे है क्योंकि आज मार्च क्लोजिंग के आखिरी दिन से सभी रेत खदानों पर से खनन प्रक्रिया पर जहां रोक लगेगी तो वहीं बाहर से आने वाली रेत भी काफी महंगी मिलेगी।

इस खबर से उन भवन स्वामियों के ऊपर संकट के बादल छा रहे है जिनके भवन निर्माण पूर्णता की ओर है ऐसे में इस आदेश से उन्हें काफी आघात पहुंचेगा लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन भी आवश्यक है इसलिए ऐसी सभी रेत खदानों पर खनिज विभाग भी अपनी पैनी निगरानी बनाए हुए है जहां से रेत उत्खनन और परिवहन किया जाता है।

बताना होगा कि यहां सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में पर्यावरण को बचाए रखने के लिए रेत खदानों पर रोक लगा रखी है साथ ही आदेश है कि ऐसे स्थानों की सभी रेत खदानें बंद हो जहां से पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है और शिवपुरी तो इसमें प्रमुखता से शामिल है क्योंकि अधिकंाशत: जिले की स ाी खदानें पर्यावरण के क्षेत्र में ही आते है जिससे अंचल की सभी खदानें अब बंद होने की कगार पर है। इस संबंध में खनिज विभाग का कहना है कि वह इस गंभीर मामले से शासन को अवगत करा चुके है जिस पर शीघ्र ही कोई फैसला लिया जाएगा जिसमें आमजन का हित हो व पर्यावरण की सुरक्षा भी बची रहे।

महंगा होगा भवन निर्माण, महंगी मिलेगी रेत

यहां बताना होगा कि यदि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का सही रूप में पालन हुआ तो भवन निर्माताओं को अपने भवन निर्माण के लिए अच्छी खासी रकम ढीली करनी होगी क्योंकि जिले की रेत खदानें बंद होने से जब दीगर प्रदेशों से रेत आएगी तो वह काफी महंगी मिलेगी और ऐसे में एक भवन निर्माण में लगाई जाने वाली रेत की पूरी कीमत से ही लगभग दूसरा भवन तैयार हो सकेगा। ऐसी महंगी रेत हो जाएगी, इसके लिए अवैध रेत परिवहन होना ही एक मात्रा रास्ता बचा है लेकिन इस ओर खनिज विभाग पूरी सतर्कता के साथ काम करेगा, क्योंकि न्यायालय के आदेश के तहत उसे भी विभागीय कार्यवाही करनी होगी। इस खबर से अब भवन निर्माताओं को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ेगा।

दीगर प्रदेशों और अन्य जिलों से आएगी रेत

यदि शिवपुरी जिले की सभी रेत खदानों से उत्खनन व परिवहन बंद होता है तो रेत की आवश्यकता की पूर्ति अन्य दीगर प्रदेशों जेसे उत्तरप्रदेश ओर राजस्थान से होगी। ऐसे में यहां अन्य प्रदेशों से आने वाली रेत जब शिवपुरी जिले में पहुंचेगी तो यहां भी वह काफी ऊंचे दामों पर बिकेगी। ऐसे में झांसी, श्योपुर, गुना, ग्वालियर के आसपास का क्षेत्र आदि स्थानों से ही रेत शिवपुरी आने की संभावना है। लेकिन इतनी लंबी दूरी से आने में डीजल व परिवहन खर्चा काफी महंगा साबित होगा। इससे अंदेशा है कि यह रेत व्यवसाई मुश्किल ही है कि वह रेत शिवपुरी भेजें।

इनका कहना है
यह मामला बेहद गंभीर है और हमने इस बारे में शासन को अवगत करा दिया है शीघ्र ही इस मामले को लेकर कोई ना कोई रास्ता निकाला जाएगा इसके लिए प्रयास जारी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार चूंकि 31 मार्च से जिले की सभी खदानें बंद हो जाऐंगी जिसमें ना तो उत्खनन होगा और ना ही परिवहन, ऐसे में यदि जिले की किसी भी खदान से उत्खनन ओर परिवहन होता है उसके विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
अनिल शर्मा
खनिज अधिकारी, शिवपुरी

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