SBI खाताधारक के खाते से गायब हुए 25 हजार रूपये, बैकर चुप

शिवपुरी। बैंक में जमा राशि से कुछ राशि निकलने पहुंचे एक उपभोक्ता के खाते से 25 हजार रूपये उस समय अचानक गायब हो गए जब वह एटीएम मशीन से 200 रूपये निकालकर अपने घर की ओर जा ही रहा था कि तभी 15 मिनिट के अंतराल से उसके मोबाईल पर मैसेज आया कि 25 हजार रूपये और निकाल लिए गए, यह देख उपभोक्ता हैरान हुआ और तुरंत एटीएम गया जहां बैलेंस चैक किया तो उसके खाते से उक्त राशि निकल चुकी थी जिसे देख उसके होश उड़ गए।

इस संबंध में जब अपनी समस्या के निराकरण के लिए बैंक पहुुंचा तो बैंक प्रबंधन ने हाथ खड़े करते हुए उल्टे उपभोक्ता पर ही दोषारोपण किया जिससे उपभोक्ता और व्यथित हो गया। इस संबंध में पुलिस में शिकायत की गई है लेकिन पुलिस भी कोई कार्यवाही करने के बजाए बैंक प्रबंधन से ही शिकायत का निराकरण का आश्वासन देकर उपभोक्ता को चलता कर रही है। ऐसे में अपनी गायब राशि को वापिस लगाने के लिए उपभोक्ता इधर-उधर भटक रहा है लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो रही जबकि बैंक प्रबंधन इसके लिए पूर्णत: जि मेदार है लेकिन वह अपने कर्तव्य से विमुख हो रहा है जिससे यह मामला और पेंचीदा हो गया है।

दिया आवेदन की शिकायत, पर कार्यवाही जस की तस

एक शिकायती आवेदन में अपनी व्यथा सुनाते हुए फरियादी दाताराम पुत्र चतुर सिंह धाकड़ निवासी शंकर कॉलोनी ने बताया कि उसका बचत खाता भारतीय स्टेट बैंक की शाखा माधवचौक में खाता क्रमांक 30536784696 के नाम से संचालित है। बीती 31 जनवरी 2014 को प्रात: 09:24 बजे दाताराम ने अपने खाते से आवश्यकता हेतु 200 रूपये की राशि निकाली जिसके एवज में राशि निकलने के बाद एसएमएस भी आया और खाते में 34839 रूपये शेष बताई गई लेकिन इसी बीच लगभग 15 मिनिट के अंतराल से लगभग 9:40 बजे उसके मोबा. में पुन: एसएमएस आया जिसमें उसके खाते से 25 हजार रूपये की राशि निकाली गई, इतनी बड़ी राशि देख उसके होश उड़ गए, चूंकि रात का समय था इसलिए दाताराम अगली सुबह अपनी शिकायत लेकर बैंंक पहुंचा जहां बैंक प्रबंधन से उक्त राशि निकाले जाने बात कही जिस पर बैंक प्रबंधन ने हाथ खड़े कर दिए और इस संबंध में उसने कहा कि 200 रूपये की राशि निकालने पर तो एसएमएस आया लेकिन 25 हजार रूपये निकलने बाद कोई एसएमएस नहीं आया, जिससे दाताराम ने बंैंक प्रबंधन पर दोषारोपण किया और अपनी गायब हुई राशि को पुन: वापिस की मांग की परन्तु बैंक प्रबंधन ने उसकी समस्या का निराकरण नहीं किया। इसके बाद वह पुलिस थाने पहुंचा तो पुलिस ने भी उसे बैंक प्रबंधन की ओर ही फरियाद लेकर जाने को कहा, हालांकि पुलिस ने आवेदन ले लिया लेकिन समस्या आज भी जस की तस है।