समन्वय के अभाव में लटकी जलावर्धन योजना

शिवपुरी। केन्द्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने पिछले शिवपुरी दौरे में कहा था कि शिवपुरीवासियों को अगले दो माह में सिंध का पानी मिल जाएगा।
प्रदेश सरकार की मंत्री और स्थानीय विधायक यशोधरा राजे सिंधिया ने आश्वस्त किया था कि हर हालत में 2013 के अंत तक सिंध परियोजना पूर्ण हो जाएगी और शिवपुरी के घर-घर में सिंध का पानी पहुंच जाएगा, लेकिन उनकी मंशाओं को पलीता लगता दिख रहा है।

वन संरक्षक द्विवेदी ने सीएमओ पीके द्विवेदी और क्रियान्वयन ऐजेंसी दोशियान के मैनेजर हीरेन्द्र मकवाना को नोटिस जारी कर उनसे जवाब तलब किया है। नोटिस में उनसे यह स्पष्ट करने को कहा गया है कि क्यों न उनके विरूद्ध प्रोजेक्ट की शर्तों का उल्लंघन करने पर एफआईआर दर्ज कराई जाए। कल दोनों अधिकारियों की वन न्यायालय में पेशी हुई, लेकिन वन संरक्षक के बाहर होने के कारण तारीख बढ़ा दी गई।

शिवपुरी शहर की महत्वाकांक्षी पेयजल परियोजना सिंध परियोजना पर शुरू से ही ग्रहण लगना शुरू हो गए। इस योजना को मंजूरी 2007 में मिल गई थी, लेकिन अभी भी यह योजना पूर्ण होने की कगार पर नहीं है। वह भी उस स्थिति में जबकि  स्थानीय जनप्रतिनिधि यशोधरा राजे सिंधिया और ज्योतिरादित्य सिंधिया योजना को पूर्ण करने में खासी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। 

विधानसभा चुनाव के पूर्व यह आसार थे कि सिंध परियोजना पूर्ण हो जाएगी, लेकिन वन संरक्षक द्विवेदी ने यह कहते हुए नेशनल पार्क की जमीन पर काम रूकवा दिया, क्योंकि ऐजेंसी ने शर्तों का उल्लंघन कर पेड़ों को काट दिया था। यशोधरा राजे सिंधिया ने मंत्री बनने के बाद सिंध परियोजना को पूर्ण करने की दृष्टि से भोपाल में अधिकारियों की बैठक बुलाई। जिसमें कलेक्टर से लेकर मु य नपा अधिकारी, वन संरक्षक आदि शामिल हुए। वन संरक्षक ने आश्वस्त किया था कि सभी तकनीकी बाधाओं को दूर कर लिया जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। सूत्र बताते हैं कि श्री द्विवेदी हठधर्मितापूर्ण रवैया अपनाए हुए हैं। वहीं सीएमओ और प्रोजेक्ट मैनेजर एफआईआर दर्ज होने के खतरे से आशंकित नजर आ रहे हैं।