हस्त शिल्प प्रदर्शनी में हाथों से बनी कृलाकृति बन रही आकर्षण का केन्द्र

शिवपुरी। हाथों से बनी हस्तशिल्प कला को शिवपुरी शहर के लोग काफी प्रभावी मान रहे है यही कारण है कि शहर के बीचों बीच कोर्ट रोड़ संजय लॉज के सामने सेराजैम के ऊपरी भवन में विकास आयुक्त हस्त शिल्प आर के पुरम नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित बाबा अंबेडकर योजनांतर्गत नौ दिवसीय हस्त शिल्प विकास प्रदर्शनी एवं मेले में लोगों का हुजूम उमड़ रहा है और यह प्रदर्शनी लोगों के आकर्षण का केन्द्र  बिन्दु बनी हुई है।
महिला उद्योग प्रशिक्षा संस्थान बारां की सचिव गायत्री नामा द्वारा बताया गया है कि इस प्रदर्शनी मेले में जितने भी स्टॉलें लगी हुई है वह सभी दुकान लगाने वाले शिल्पियों ने स्वयं अपने हाथों से मनाई है, बात चाहे काष्ठकला की हो या चमड़े से विभिन्न कलाकृतियों व वस्तुओं की सभी में इन स्टॉल संचालकों को संस्थान द्वारा प्रशिक्षण प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित किया गया और आज यह अपनी दुकान के स्वयं मालिक है।

इन्होंने दिखाई अपनी हस्तशिल्प कला

इस मेले में नारायण रेगर मांगरौल द्वारा चमड़े की जूती, अनीता गोचर द्वारा लकड़ी से बनी पूजा थाली,लाईट कै प,असन, टोकरी व अन्य सामग्री, अशोक कुमार द्वारा मौजली जूली, सेंडल, चप्पल,रबड़ शूज, हजारी लाल द्वारा हाथों से बनाए गए चमड़े के बैल्ट, छल्ले,पर्स, बाबूलाल मांगरौल के हाथों से बनी कोल्हापुरी चप्पल, दिनेश मांगरौल द्वारा पंजाबी जूती, डोलमा स्लीपर सहित अन्य आयटम अपने हाथों
से बनाए गए और इन्हें प्रदर्शनी मेले में शामिल किया गया।

बांस, लाख व अन्य उत्पाद हैं मौजूद

संस्थान सचिव गायत्रीनामा  द्वारा बताया गया कि विकास आयुक्त विपणन सेवा केन्द्र के सौजन्य से हमारे द्वारा महिला उद्योग प्रशिक्षण संस्थान बारां में विभिन्न कलाकृतियों में प्रशिक्षण प्रदान कर बेरोजगारों को रोजगार प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया जाता है। यहां हस्तशिल्प कारीगरों(आर्टिजनों) को प्रोत्साहन देने हेतु सरकार द्वारा प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है जिसमें आर्टीजनों/कारीगरों द्वारा निर्मित विभिन्न प्रकार के आयटमों उत्पादों मौजूद है। मेले में लेदर के आयटम, बांस के आकर्षक उत्पाद, विभिन्न आयटम लाख के डिजाईन वाली चूडिय़ां आदि भी शामिल है। 16 फरवरी से शुरू हुई यह प्रदर्शनी अनवरत रूप से 15 फरवरी तक लोगों के लिए लगी रही जो दोप.12 बजे से रात्रि 9 बजे तक खुली है।