गूजर तालाब का निरीक्षण कल, फिर होगी अतिक्रामकों के खिलाफ कार्रवाई

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शिवपुरी। गूजर तालाब की लगभग 14 बीघा जमीन पर सरकारी कागजातों में हेराफेरी कर मकान बन गए हैं और प्लॉट काट दिए गए हैं। यहां एक लॉज भी बनी हुई है, लेकिन अब प्रशासन की सक्रियता के कारण इन पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।
सूत्र बताते हैं कि ग्वालियर संभाग के आयुक्त खरे के निर्देश पर प्रशासन पुराने तालाबों के संरक्षण की कार्रवाई कर रहा है। इसी कड़ी में कल अनुविभागीय दण्डाधिकारी राजस्व डीके जैन कथित विवादास्पद स्थल का निरीक्षण करेंगे और इसके बाद उ मीद की जा रही है कि अतिक्रामकों के खिलाफ कार्रवाई होगी। इससे अतिक्रामकों में दहशत का वातावरण उत्पन्न हो गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार शिवपुरी तहसील के टुकड़ा नंबर दो के सर्वे नंबर 88 और 89 पर भुजरिया तालाब जिसे गूजर तालाब के नाम से भी जाना जाता है बना हुआ है। बताया जाता है कि 1953 तक सरकारी कागजातों में उक्त सर्वे नंबर की जमीन तालाब के नाम थी, लेकिन 1953 से1960 तक सरकारी रिकॉर्ड गायब है और इसके बाद यह जमीन अन्य लोगों के नाम पट्टा कर दी गई। खास बात यह है कि वर्तमान में जिस जमीन पर पानी भरा हुआ है उस जमीन की भी रजिस्ट्री हो चुकी है।

यह मामला जब आयुक्त खरे के संज्ञान में आया तो गूजर तालाब के संरक्षण हेतु कार्रवाई करने के लिए प्रशासन को निर्देश दिया और इसके बाद एसडीएम डीके जैन ने कार्रवाई करते हुए उक्त सर्वे नंबर पर बने हुए मकानों और प्लॉटों के मालिकों को नोटिस जारी कर उनसे उनका पक्ष पूछा। यह नोटिस 10 फरवरी को जारी किए गये। नोटिस जारी होने के बाद अतिक्रामकों में हड़कंप मच गया। मजे की बात तो यह है कि न केवल तालाबों की जमीन विक्रय हो गई, बल्कि उक्त जमीन का नामांतरण भी कर दिया गया। जिससे इस पूरे षड्यंत्र में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की भी भूमिका नजर आ रही है। बताया जाता है कि 22 फरवरी को अनुविभागीय दण्डाधिकारी डीके जैन गूजर तालाब का निरीक्षण करेंगे और इसके बाद गूजर तालाब के संरक्षण और राजस्व अभिलेख में परिवर्तन के आदेश जारी किए जाने की संभावना है।

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