रिश्वत के लिए सहायता रोकने वाले तीन अधिकारियों को नोटिस

शिवपुरी। कलेक्टर आर.के.जैन द्वारा जनसुनवाई में प्राप्त आवेदन पर कराई गई जांच में ये तथ्य प्रकाश में आया है कि लोक सेवा गांरटी अधिनियम के प्रावधानों के तहत निर्धारित समय सीमा में मृतक मजदूर के परिवार को दी जाने वाली अंतेष्टि व अनुग्रह सहायता में जानबूझकर विलंब किया गया है जिस पर उनके द्वारा श्रम विभाग के तीन अधिकारियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई करने हेतु नोटिस दिया गया है।

कलेक्टर श्री आर.के.जैन ने बताया कि राज्य शासन द्वारा निर्माण श्रमिकों के लिए संचालित सहायता योजना के तहत निर्माण कर्मकार मण्डल की पंजीकृत श्रमिकों को श्रम विभाग के माध्यम से अनेक योजनाओं के तहत विभिन्न प्रकार की सहायता प्रदान की जाती है। उन्होने बताया कि पुरानी शिवपुरी निवासी निर्माण श्रमिक रामकिशन कुशवाह की मृत्यु आकस्मिक दुर्घटना में हो जाने के कारण उसकी पत्नी श्रीमती मूर्ति बाई द्वारा 4 अक्टूबर 2013 को लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से अंतेष्टि एवं अनुग्रह सहायता योजना के तहत सहायता राशि हेतु आवेदन किया गया था। 

लोक सेवा गारंटी अधिनियम के प्रावधानों के तहत 45 दिवस के अंदर यानी की 18 नव बर 2013 तक संबंधित को श्रम विभाग द्वारा सहायता राशि उपलब्ध कराई जानी थी। लेकिन तत्कालीन श्रम पदाधिकारी पी.के.रायकवार द्वारा श्रीमती मूर्ति कुशवाह को 27 हजार रूपयें की सहायता राशि ऑनलाईन भुगतान करने की टीप अंकित कर प्रकरण का निराकरण बताया गया किन्तू वास्तविक अर्थों में संबंधित को कोई सहायता राशि प्राप्त नहीं हुई थी, परिणामस्वरूप आवेदिता द्वारा 11 फरवरी 2014 को पुन: कलेक्टर के समक्ष जनसुनवाई में आवेदन कर सहायता राशि की मांग की गई। 

जिसपर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर द्वारा प्रकरण की विस्तृत जांच कराई गई। जिसमें यह तथ्य प्रकाश में आया कि आवेदिका को ऑनलाईन पोर्टल पर राशि का भुगतान किया जाना तथा कार्यालयीन रिकॉर्ड में राशि स्वीकृत किए जाने में अंतर पाया गया है। जिसपर कलेक्टर द्वारा श्री रायकवार के अतिरिक्त वर्तमान सहायक श्रमपदाधिकार श्री एन.के.गोयल व श्रम उपनिरीक्षक श्री अनिल बंसल को प्रकरण को 85 दिन तक लंबित रखने का दोषी मानते हुए लोक सेवा गांरटी अधिनिमय की धारा 7(1) के तहत स्पष्टीकरण जारी कर  25 फरवरी तक जवाब चाहा गया है।