किसके सिर बंधेगा ताज, कौन होगा हार के लिए जिम्मेदार

राजू (ग्वाल)यादव/शिवपुरी। नई सरकार और नए जनप्रतिनिधि चुनने का समय अब आ गया है। बीती 25 नवम्बर को मतदान के बाद अपना मत देकर नई सरकार और नए जनप्रतिनिधि चुनने का काम तो मतदाताओं ने उसी दिन पूरा कर दिया था लेकिन अब उस फैसले की घड़ी का समय आज है।
स्थानीय शिवपुरी पब्लिक स्कूल में बनाए गए स्ट्रांग रूम में 13 दिनों से बंद रखी ईव्हीएम मशीनों को आज खोला जाएगा और विधिवत  काउंटिंग कर घोषणा की जाएगी। इसके लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। जिला प्रशासन ने मतगणना को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए सभी प्रेक्षकों व मतगणनाकर्मियों को प्रशिक्षण देकर प्रशिक्षित किया है और आज निकलने वाले परिणाम लगभग दोपहर तक नई सरकार और नए जनप्रतिनिधि का फैसला कर देंगें। पुलिस अधीक्षक ने खासतौर से सभी पुलिसकर्मियों को अलर्ट कर रखा है कि किसी भी प्रकार से संदिग्धों की पूछताछ व जांच की जाए साथ ही मतगणना स्थलों पर पर्याप्त देखरेख व सुरक्षा व्यवस्था मुस्तैद रहे।

विधानसभा चुनाव में इस बार जनता ने अपना फैसला अपने जनप्रनिधि के लिए मतदान के रूप में कर दिया। जिसमें चुने जाने वाले जनप्रतिनिधि में किसके सिर सजेगा ताज तो वहीं कौन होगा हार के लिए जिम्मेदार यह अटकलें आज विराम ले लेंगी। जिले की पांचों विधानसभाओं की मतगणना आज प्रात: 8 बजे से एसपीएस विद्यालय में होगी।

विधानसभा क्षेत्र शिवपुरी


यहां से भारतीय जनता पार्टी के रूप में यशोधरा राजे सिंधिया चुनाव मैदान में है और इनके प्रतिद्वंदी है कांग्रेस से ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास सिपाहसलार वीरेन्द्र रघुवंशी, ऐसे में यह चर्चा जनमानस के बीच बनी हुई है कि इस बार जहां वीरेन्द्र रघुवंशी की हर तरफ मजबूत स्थिति बताई जा रही है तो वहीं दूसरी ओर यशोधरा राजे सिंधिया के सिर जीत का सेहरा बंधने से कोई रोकने वाला भी चर्चा चहुंओर है। आज होने वाली मतगणना में यह स्पष्ट हो जाएगा कि शिवपुरी के जनप्रतिनिधि के रूप में जनता ने किसे चुना है। यहां बताना होगा कि शिवपुरी विधानसभा की सीट प्रदेश की महत्वपूर्ण सीटो में से एक है क्योंकि यहां सिंधिया परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है जहां यशोधरा राजे सिंधिया ने अब तक हार का मुंह नहीं देखा और उन्हें विश्वास है कि इस बार भी वह जीत हासिल करेंगी।

विधानसभा क्षेत्र करैरा


विधानसभा क्षेत्र करैरा में इस बार त्रिकोणीय मुकाबले के आसार है यहां भाजपा के ओमप्रकाश खटीक  चुनाव मैदान में है जिन्हें बाहरी प्रत्याशी के रूप में क्षेत्र में ढिंढोरा पीटा गया है लेकिन ओमप्रकाश फिर भी आश्वस्त है कि जीत उनकी ही होगी भले ही जीत का आंकड़ा कुछ भी हो, उन्हें विश्वास है शिवराज फैक्टर और क्षेत्र की जनता से लगाव जिसके दम पर जीत की दुमदुमी बजा रहे है। इसके बाद यहां कांग्रेस से शकुन्तला खटीक भी मैदान में है जो जनता और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के आर्शीवाद के बलबूते जीत का दावा करती है हालांकि पिछले चुनाव में हार के बाद से शकुन्तला इस बार पूर्ण तन्मयता के साथ क्षेत्र में कार्य करने जुटी और लगभग पांच साल जनता के बीच पहुंचकर जो छवि उन्होंने बनाई है उससे उन्हें आभास है कि वह जनता का विश्वास जीत लेंगी। इन दोनों के बीच यहां त्रिकोणीय मुकाबला बनाया है बहुजन समाज पार्टी ने जिसके उम्मीदवार प्रागीलाल जाटव को पिछली हार के बाद भी सक्रियता के साथ जनता के बीच पहुंचते रहे और उन्हें विश्वास है कि इस बार जनता उनका साथ देगी, क्योंकि भाजपा में जहां स्थानीय प्रत्याशी नहीं है तो वहीं कांग्रेस में शकुन्तला खटीक को वह कमजोर मानते है। ऐसे में अब आने वाला फैसला भी काबिलेगौर होगा।

विधानसभा क्षेत्र पिछोर


यह विधानसभा एक ऐसा विधानसभा क्षेत्र है जहां कई वर्षों से पूर्व मंत्री एवं विधायक के.पी. सिंह कक्काजू की कमान को जनमानस ने अपने बीच बसा ली है। ऐसे में इस बार यहां भाजपा ने नए चेहरे के रूप में प्रीतम सिंह लोधी को चुनाव मैदान में उतारा ताकि यहां लोधी मतदाताओं को भाजपा के सहारे नैया पार लगवाई जा सके, अब लोधी मतदाताओं का झुकाव कहां रहा या केपी सिंह की साफ स्पष्ट छवि का लाभ उन्हें मिलेगा यह देखने वाली बात होगी। इन सबके बीच यहां से बसपा ने भी हुंकार भरी है और बसपा के इस प्रत्याशी की पकड़ खनियांधाना क्षेत्र में बताई जाती है इस बार के चुनाव में धनबल के रूप में बसपा प्रत्याशी ने भी कक्काजू और भाजपा के प्रीतम को हराने के लिए एड़ीचोटी का जोर लगाया है। यहां मतदाताओं का यदि धु्रवीकरण हुआ तो परिणाम कुछ भी हो सकता है ऐसे में यह संभावना प्रबल है कि पिछोर में इस बार कहीं परिणाम उलटफेर तो नहीं आऐंगें।

विधानसभा क्षेत्र कोलारस

धनबल, बाहुबल और जनबल के बीच कोलारस विधानसभा क्षेत्र का चुनाव लड़ा जा रहा है। यहां कारण साफ है कि एक ओर तो धनबल के रूप में तीनों प्रत्याशी संपन्न है जिसमें भाजपा के देवेेन्द्र जैन, कांग्रेस से रामसिह यादव, बहुजन समाज पार्टी से चन्द्रभान सिंह यादव इन तीनों ही प्रत्याशियों ने मतदाताओं को विभिन्न प्रकार के प्रलोभनों से लुभाया है अब मतदाताओं का झु़काव किस ओर होगा। यह निकलने वाला परिणाम बताएगा फिलहाल तो चर्चा है कि यहां अंतिम समय में बसपा और कांग्रेस की एकजुटता से भाजपा को खतरा हो सकता है। बताया गया है कि कोलारस विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक यादव मतदाताओं की संख्या है और यही कारण है कि आज यदि यादव बाहुल्य मतदाताओं ने एकजुटता का परिचय देकर मतदान किया तो यहां भाजपा मैदान से बाहर भी हो सकती है लेकिन भाजपा के देवेन्द्र जैन का मानना है कि वह पूरे पांच क्षेत्र की सेवा में सदैव कार्यरत रहे और शिवराज सरकार की योजनाओं से क्षेत्रवासियों को लाभान्वित भी कराया गया। ऐसे में संभावना है कि कोलारस के परिणाम भी चौंकाने वाले हो फिलहाल तो स्थिति स्पष्ट नहीं लेकिन निकलने वाले परिणाम जरूर प्रत्याशियों को गफलत में डालेंगें।

विधानसभा क्षेत्र पोहरी


विधानसभा क्षेत्र पोहरी में भी त्रिकोणीय होने के आसार है लेकिन यहां संभवत: भाजपा के प्रहलाद भारती व कांग्रेस के हरिबल्लभ शुक्ला के बीच ही है फिर भी यहां यदि वोटों में कोई सेंध लगा सकता है तो वह बसपा प्रत्याशी लाखन सिंह बघेल, जो इन दोनों के बीच का फायदा उठा सकते है हालांकि बसपा का यहां जनाधार ज्यादा तो नहीं फिर भी वह इन दोनों प्रमुख दलों के बीच अपनी स्थिति बनाए हुए है। यहां प्रहलाद भारती को जनता इसलिए भी चुन सकती है क्योंकि उन्होंने पिछले चुनावों में सर्वाधिक 20 हजार से अधिक मतों से विजयी पाई थी और इस बार किसी अन्य पार्टी से धाकड़ प्रत्याशी ना होना भी फायदे का साबित हो सकता है साथ ही शिवराज सरकार की योजनाऐं और स्वयं के विकास कार्यों के बलबूते प्रहलाद भी विजयरथ पर सवार नजर आ रहे है। बात करें कांग्रेस के हरिबल्लभ शुक्ला की तो यहां  कांग्रेस भी मजबूत स्थिति में मानी जा सकती है क्योकि पोहरी का इतिहास बताता है कि पोहरी में कभी भी एक ही उम्मीदवार दो बार विजयश्री का वरण नहीं कर सका ऐसे में यहां कांग्रेस की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। बाबजूद इसके होने वाली मतगणना का फैसला सर्वमान्य है और यह परिणाम पोहरी के इतिहास को दोहराता है या नहीं, यह देखने वाली बात होगी।