गुटवाजी में फंसी भाजपा क्या दोहरा पायेगी परिणाम

शिवपुरी/करैरा -विधानसभा चुनाव में विगत 2008 के चुनाव में मतदाताओ ने भाजपा प्रत्याशी रमेश खटीक को लगभग 12000 मतो से विजयी बनाया था। यह परिणाम उन परिस्थितियो में सामने आया था जव भाजपा प्रत्याशी स्थानीय था।
कांग्रेस प्रत्याशी दमदार नही था और वसपा को एन्टी इन्कमवेंसी फैक्टर का सामना करना पडा था क्योकि यहां विधायक लाखन सिंह वघेल थे। वैसे करैरा क्षेत्र के लोग बाहरी प्रत्याशी को जिताना पसंद नही करते पूर्व में 1998 के चुनाव में कांग्रेस के बाहरी प्रत्याशी रामसिंह यादव को यहां की जनता ने नकार दिया था। 

वर्तमान में भाजपा मे ंप्रत्याशी स्थानीय नही है एंटी इन्कमवैंसी फैक्टर है और लगभग 12000 मतो से गत चुनाव में विजयी भाजपा प्रत्याशी रमेश खटीक को पार्टी ने पुन: टिकिट नही दिया है टिकिट चाहने वाले संभावित प्रत्याशियो रमेश खटीक , लच्छीराम कोली , किशारीलाल शाक्य सुभाष जाटव , रामदास जाटव , शशिवाला हरिशंकर परिहार आदि सामूहिक रूप से वर्तमान प्रत्याशी के खिलाफ लामबंद होकर जिला अध्यक्ष रणवीर सिंह से लेकर प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र तोमर और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक स्थानीय प्रत्याशी  की मांग व बाहरी प्रत्याशी के बिरोध का ज्ञापन दे चुके है। भाजपा मे बगावत की आग अन्दर ही अन्दर सुलग रही है दूसरी ओर खटीक समाज से कांग्रेस व सपा ने भी अपने प्रत्याशी उतारे है ऐसे सामाजिक वोटो का भी धु्रवीकरण होगा। ऐसी परिस्थितियो मे आमजन में चर्चा है कि क्या भाजपा करैरा सीट पर गत 2008 के चुनाव जैसा प्रदर्शन करने में सफल हो पायेगी।

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