बीएसपी ने वापस खींचा पर्चा: सिंधिया से गुप्त समझौते का आरोप

शिवपुरी। चुनावी बेला में कब कौन किसके कंधे पर रखकर बंदूक चला दे यह कहावत आज उस समय चरितार्थ होती नजर आई जब नामांकन फार्म वापिसी की आखिरी तारीख को विधानसभा चुनाव शिवपुरी से प्रमुख पार्टी बहुजन समाज पार्टी मैदान से ही बाहर हो गई।

इस प्रकरण में कई तरह की चर्चाऐं सुनाई दे रही है लेकिन जो भी घटनाक्रम हुआ उससे साफ तौर पर ऐसा प्रतीत होता है कि मतदाताओं पर छाप छोडऩे वाली बसपा के बाहर होने से अब मुख्य मुकाबला भाजपा-कांग्रेस के बीच ही होगा। बसपा के मैदान से बाहर होने पर निर्वाचन कार्यालय पर काफी उत्पात मचा और पार्टी के नेताओं ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए इस पूरे प्रकरण पर भाजपा-कांग्रेस के अनैतिक दबाब का आरोप लगाया।

क्यों बाहर हुई बसपा

आज घटित घटनाक्रम में बसपा से पर्चा खींचने वाले बसपा प्रत्याशी अतर सिंह लोधी ने अपने बयान में केवल यह कह दिया कि यशोधरा के मैदान में होने से बसपा चुनाव नहीं लड़ेगी, इस बारे में उसका कहना है कि लोधी समाज के 24700 मतदाता चूंकि भाजपा के लिए सपोर्ट करते है इसलिए बसपा चुनाव नहीं लड़ रही, इस बात पर वहां मौजूद बसपा नेता प्रीतम जाट ने विरोध जताया और इसे भाजपा-कांग्रेस की मिलीभगत का परिणाम बताया।

मेरी पत्नि ने कहा यशोधरा राजे के खिलाफ मत लड़ो इसलिए नाम वापस लिया

प्रदेश में इस बार हैट्रिक बनाने और कांग्रेस सत्ता पाने की ललक में दमदारी से चुनाव लड़ रही है इन सबके बीच बसपा भी हर चुनाव में अपनी उम्मीदवारी दर्शाकर प्रदेश में अपना खाता खोल भी लेती है और इस बार तो संभावना थी कि  बसपा को इस चुनाव में आधा दर्जन से अधिक सीटें मिलेंगी, लेकिन शिवपुरी में बसपा कार्यकर्ताओं की भावनाओं से बसपा प्रत्याशी अतर सिंह लोधी ने खिलवाड़ किया है। यूं अचानक मैदान से बाहर होकर कई तरह की चर्चाऐं की जा रही है ऐसे में अतर सिंह लोधी का कहना है कि यशोधरा राजे सामने होने से उसे चुनाव लडऩे के लिए उसकी पत्नि ने मना कर दिया, क्या महज पत्नि के कहने और स्व विवेक से लिए गए इस निर्णय को बसपा कैसे झेलेगी, इसके कई निहितार्थ लगाए जा रहे है।

देवेन्द्र जैन ने जिला पंचायत में 20 लाख का ऑफर दिया था मुझे : अतर सिंह

बहुजन समाज पार्टी के शिवपुरी विधानसभा उम्मीदवार अतर सिंह लोधी ने आज निर्वाचन कार्यालय से नामांकन फार्म खींचते हुए सरेआम कोलारस विधायक देवेन्द्र जैन पर आरोप लगाया कि उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में 20 लाख रूपये का ऑफर दिया था लेकिन मैं तब भी बिका नहीं और आज भी अगर मैं नामांकन वापिस ले रहा हूं तो यह मेरा और पार्टी का निर्णय है, इसलिए कई तरह के आरोप मुझ पर लगाए जा रहे है जो सरासर बेबुनियाद है। बसपा के इस तरह फार्म खींचने से आरोप लगाया जा रहा है कि बसपा प्रत्याशी अतर सिंह ने फार्म खींचने के बदले लाखों रूपये की रकम ली है हालांकि इन बातों में कितनी सच्चाई है इसका खुलासा नहीं हो सका है।