कहीं भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन ना थाम लें गणेश, चर्चा जोरों पर

शिवपुरी। कांग्रेस से भाजपा और फिर जनशक्ति पार्टी में गए शिवपुरी के पूर्व विधायक गणेश गौतम शीघ्र ही कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। सूत्र बताते हंै कि उनकी दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से पिछले 20-25 दिन में लगभग दो से तीन बार मुलाकात हो चुकी है और श्री गौतम ने कांग्रेस प्रवेश का मन बना लिया है।
इसकी घोषणा कभी भी हो सकती है सिर्फ उपयुक्त समय का इंतजार है। सूत्र तो यहां तक  कहते हैं कि पहले शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र के कांगे्रस प्रत्याशी वीरेन्द्र रघुवंशी 6 अथवा 7 नवंबर को नामांकन फॉर्म दाखिल करने वाले थे, लेकिन अब वह 8 नवंबर को नामांकन फॉर्म दाखिल करेंगे। शायद उसी दिन गणेश के कांग्रेस प्रवेश की घोषणा हो जाए। अपुष्ट सूत्र यहां तक कहते हैं कि इस अवसर पर श्री सिंधिया के आने की संभावना भी व्यक्त की जा रही है। उधर दूसरी ओर भाजपा ने श्री गौतम के कांग्रेस में जाने की खबर उडऩे के बाद उन्हें मनाना भी शुरू कर दिया है। आज गणेश से पार्टी के संगठन मंत्री श्याम महाजन उनके घर जाकर मिले।

गणेश गौतम मूल रूप से सिंधिया समर्थक और कांग्रेसी हैं। उनकी स्व. माधवराव सिंधिया के प्रति अगाध आस्था मानी जाती थी। श्री सिंधिया ने हमेशा अपने अनुयायी के राजनैतिक हितों का ध्यान रखा और अपने जीवनकाल में उन्हें दो बार विधायक पद का टिकट दिया। श्री गौतम इनमें से दो बार सन 80 और 85 में शिवपुरी से विधायक बनने में सफल रहे, लेकिन श्री सिंधिया की मौत के बाद उनकी उनके सुपुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया से पटरी नहीं बैठी और वह सन 2007 में शिवपुरी विधानसभा उपचुनाव में भाजपा में शामिल हो गए। 

बताया जाता है कि भाजपा में उन्हें पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर के गुट ने शामिल कर उन्हें विधायक पद का टिकट दिया, लेकिन प्रदेश सरकार की पूरी मेहनत के बाद भी वह चुनाव नहीं जीत सके। पिछले विधानसभा चुनाव में जब उन्हें भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो वह जनशक्ति पार्टी में चले गए और उन्होंने चुनाव लड़ा तथा पराजित हुए। इसके बाद भी श्री गौतम का पार्टी बदलने का सिलसिला जारी रहा। एक रात वह श्री सिंधिया के निमंत्रण पर कांग्रेस में चले गए, लेकिन अगले दिन ही वह पुन: जनशक्ति पार्टी में आ गए। जनशक्ति पार्टी के भाजपा में विलय के पश्चात श्री गौतम भाजपा की धारा में शामिल हो गए। इस चुनाव में उन्होंने भाजपा टिकट के लिए काफी जोर लगाया, लेकिन उन्हें सफलता हासिल नहीं हुई। सूत्र बताते हैं कि इसके बाद श्री गौतम की केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया से मुलाकातें हुईं।

भाजपा की आंतरिक राजनीति या कांग्रेस का पैंतरा

क्या गणेश गौतम का संभावित कांग्रेस प्रवेश यशोधरा राजे के खिलाफ भाजपा की आंतरिक राजनीति का हिस्सा है या फिर यह कांग्रेस का विधानसभा चुनाव में मजबूत पैंतरा इसे लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। हालांकि श्री गौतम के नजदीकी सूत्रों का कथन है कि वह भाजपा में सम्मान न मिलने से व्यथित थे और अपनी घर वापिसी चाहते हैं।

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