वीरेन्द्र के जनसंपर्क ने अन्य प्रत्याशियों को अचरज में डाला

शिवपुरी। इसे शिवपुरीवासियों का आत्मीय प्रेम और विश्वास ही कहेंगें कि आज नगर में विधानसभा चुनावों के परिदृश्य में वीरेन्द्र रघुवंशी जनता के विश्वास पर खरे नजर आ रहे है इसका कारण साफ है जनता स्वयं स्थानीयता को बढ़ावा दे रही है ताकि आगे चलकर वीरेन्द्र के हाथों में नगर विकास की कमान हो।

इसके लिए वह ना केवल जनसंपर्क कर रहे है बल्कि अपने कांग्रेसियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जन-जन से जुड़ रहे है। वहीं दूसरी ओर भाजपा प्रत्याशी यशोधरा राजे सिंधिया को इस आत्मीय लगाव से जरूर बड़ा झटका लगेगा। क्योंकि एक दिन पूर्व ही यशोधरा ने भी शिवपुरी मे नगर भ्रमण व जनसंपर्क किया था।

धाीरे-धीरे बढ़ता चुनाव प्रचार अब जोरों पर होता नजर आ रहा है यहां कांग्रेस प्रत्याशी वीरेन्द्र रघुवंशी के जनसंपर्क ने अन्य प्रत्याशियों को अचरज में डाल दिया है। जहां हजारों कांग्रेेसियों के साथ आज वह जनता के साथ सीधा संवाद कर रहे है। बीते पांच वर्षों से लगातार क्षेत्र के नागरिकों की ओर अपने मधुर संबंधों की दुहाई का आर्शीवाद देने का समय अब आने वाला है निश्चित रूप से जन आत्मीय लगाव का फायदा वीरेन्द्र रघंवुशी को मिलेगा।

नगरवासियों के आत्मीय स्वागत से भी कांग्रेस प्रत्याशी वीरेन्द्र रघुवंशी भाव विभोर नजर आए। वहीं दूसरी ओर भाजपा प्रत्याशी के लिए यह जनसंपर्क मुसीबत का सबब बन सकता है क्योंकि वह ना केवल इस बार बाहर से आकर चुनाव लड़ रही है बल्कि मतदाताओं के बीच पैठ बनाने के लिए उन्हें रोड़ों पर आना पड़ा। सूत्रों द्वारा बताया जाता है कि यशोधरा ने अपने ही चुने गए जनप्रतिनिधियों के विकास कार्यों में भ्रष्टाचार व पद लोलुपता के चलते यह समय देखने को मजबूर होना पड़ा कि आज सिंधिया परिवार की भाजपा प्रत्याशी को आज रोड़ो पर चलकर मतदाताओं के बीच जाना पड़ा।

यह मामला भी चहुंओर जनता मे चर्चा काविषय बना रहा, क्योंकि यशोधरा राजे सिंधिया ने कभी भी शिवपुरी में रोड़ पर आकर अपने समर्थन में या अन्य प्रत्याशियों के समर्थन मेंनहीं किया। लेकिन इस बार कांग्रेस प्रत्याशी की मजबूत स्थिति को भांपते हुए उन्हें भी घर-घर, दुकान-दुकान जाकर मतदाताओं से भाजपा के पक्ष में मतदान करने के लिए जाना पड़ा। निश्चित रूप से अब शिवपुरी की जनता भी बदलाव के मूड में है संभव है कि आने वाले समय में चौंकाने वाले परिणाम सामने आए इससे भी इंकार नहीं किया जा सकता है। मतदाताओं में अब जागरूकता आ गई है और वह स्वयं भी जनहित व विकास के कार्यों को आगे करने वाला जनप्रतिनिधि चुनेंगें, ऐसी संभावना अब प्रबल हो गई है। अब देखना होगा कि यहां यशोधरा के मुकाबले में वीरेन्द्र रघुवंशी का यह चुनाव क्या गुल खिलाएगा।

अब बड़ा चुनाव का प्रचार-प्रसार
शिवपुरी आखिरकार चुनाव आयोग के डण्डे का असर इन दिनों नगर में होने वाले विधानसभा चुनावों में देखा जा सकता है ऐसा नहीं है कि अंचल की शिवपुरी विधानसभा में ऐसा हो जबकि इस विधानसभा के अतिरिक्त जिले की अन्य चारों विधानसभाओं पर भी यही हालात निर्मित है। ऐसे में प्रत्याशी अब चोरी-चोरी नुक्कड़ सभाऐं कर रहे है ताकि बड़ी आमसभा करने में होने वाले खर्चे को रोका जा सके, इन दिनों नगर के हरेक क्षेत्र में नुक्कड़ सभाऐं की जा रही है जहां भाजपा-कांग्रेस और बसपा तीनों प्रमुख दल अपने स्तर से जनता को अपनी आरे खींचने में लगे हुए है।

अंचल में शिवपुरी विधानसभा की बात करें तो यहां भाजपा प्रत्याशी यशोधरा राजे ङ्क्षसधिया और उनके ही भतीजे मप्र चुनाव अभियान समिति के प्रमुख ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास सिपाहसलार वीरेन्द्र रघुवंशी कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में मैदान में है। दोनों ही प्रबल प्रत्याशियों ने मतदाताओ को अपनी ओर खींचने के लिए जनसंपर्क शुरू कर दिया है और शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में नुक्कड़ सभाऐं भी जारी है। संभावना है कि ऐसे में इन सभाओं का एक ही उद्देश्य है कि कैसे भी 16 लाख रूपये की निर्धारित राशि को व्यर्थ में ना बहाया जाए इसलिए दोनों ही प्रत्याशी बड़े ही सोच-समझकर मतदाताओं के बीच पहुंच रहे है। यशोधरा सिंधिया जहां गांव के साथ नगर में जनसंपर्क कर रही है तो वहीं वीरेन्द्र रघुवंशी भी जनता के बीच पहुंचकर मतदाताओं से कांग्रेस के पक्ष में मतदान की अपील कर रहे है।

चुनाव आयोग के डण्डे का जोर शिवपुरी ही नहीं बल्कि कोलारस, करैरा, पोहरी और पिछोर में भी देखने को मिल रहा है। जहां भाजपा-कांग्रेस और बसपा के सभी प्रत्याशी चुनावी खर्चे से बचने के लिए ना तो बड़ी आमसभा कर रहे है और ना ही वह हार-फूलमालाओं, बैण्डबाजे, ढोल ताशे बजवा रहे ऐसे में सभी प्रत्याशियों ने चोरी-चोरी नगर व गांवों में सभाऐं लेना शुरू कर दी है। अंचल भर की सभी सीटों पर प्रत्याशी अपने स्तर से पार्टी की रीति, नीति व येाजनाऐं बताकर अपने-अपने पक्ष में मतदान की गुहार लगाते देखे जा सकते है। अंचल की बात करें तो चुनाव इस समय पूरे जोश पर है जहां चुनावी प्रचार ने भी गति पकड़ ली है और नुक्कड़ सभाओं से और जनसंपर्क के द्वारा एक-दूसरे की कमियों को भी उजागर किया जा रहा है।