बेमौसम बरसात से किसानों की फसल तबाह

शिवपुरी/कोलारस-इसे प्रकृति का विनाश ही कहेंगें कि बे मौसम होने वाली बारिश ने अंचल भर के किसानों को ना केवल कर्जे में डुबोने का कार्य किया है बल्कि एक तरह से सभी किसानों के जीवन को पूर्ण रूप से बर्बाद सा कर दिया है।
हम बात कर रहे है बीते तीन दिनों से हो रही झमाझम और रिमझिम बारिश की जिसके आने से ना केवल किसानों को नुकसान हुआ बल्कि उनकी पूरी की पूरा सोयाबीन की तो फसल ही नष्ट हो गई है। बेचारे किसान ऐसे में जहां प्रकृति को कोस रहे है तो वहीं दूसरी ओर भगवान से भी उन्होंने मुंह फेर लिया है आखिर अपनी रोजी-रोटी के लिए आश्रित यह किसान अब कहां और क्या करेंगें, इसकी चिंता उन्हें खाए जा रही है हालांकि प्रशासन द्वारा यदि किसानों को उचित नुकसान का मुआवजा मिल जाए तो उनकी जिंदगी फिर से पटरी पर आ सकती है लेकिन देखना होगा कि इस ओर अब प्रशासन क्या रवैया अपनाताहै। 

    बीते तीन दिनों से ना केवल अंचल भर में बल्कि दूर-दूर के ग्रामों में झमाझम और रिमझिम बारिश ने किसानों की जीवन एक तरह से बर्बाद करके रख दिया है। हजारो बीघा में पक रही सोयाबीन की फसल अपने मुहाने पर आती कि उससे पहले ही उसने दम तोड़ दिया, सोयाबीन के अंकुरित बीज यह स्पष्ट कर रहे है कि बेमौसमी बरसात का प्रभाव फसल पर पड़ा है और वह पूर्ण रूप से बेकार हो गई है। ऐसे में किसानों के पास अन्य दूसरा साधन नहीं कि वह अपने उजड़े चमन को फिर से बसा सके। 

कोलारस क्षेत्र के आधा सैकड़ा से अधिक ग्रामों में बारिश से किसानों की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है यहां यदि हालातों का जायजा लिया जाए तो स्वत: ही पता चल जाएगा कि अमृत रूपी इस बारिश ने किस प्रकार से किसानों के जीवन में जहर घोल दिया है। कोलारस क्षेत्र में भारी बारिश से सोयाबीन की फसल पूरी तरह तबाह हो गई है क्योंकि यहां लगातार तीन दिनों से तेज बारिश जारी है जिससे सोयाबीन के अंकुरित बीज फटने लगे है और आज तो बारिश का बहाव यह हुआ कि नदियां तक उफान पर आ गई है। 

कोलारस क्षेत्रांतर्गत आने वाले ग्राम सरजापुर, मोहरा, बरखेड़ा, भड़ौता, चनैनी, सिरनौदा, रामराई एवं सैकड़ों गांव में किसानों की फसलें बर्बाद हो गई है और यह सभी किसान अब प्रशासन से न्याय की गुहार लगाकर अपनी उजड़ी फसल का उचित मुआवजा दिलाने की गुहार लगा रहे है। देखना होगा कि इस ओर प्रशासन का क्या रवैया रहता है


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